अजनाला थाने पर हमले मामले में जेल में बंद सांसद अमृतपाल सिंह के 7 साथी कोर्ट में पेश, पंजाब पुलिस को मिली 4 दिन की रिमांड

Last Updated 21 Mar 2025 03:10:39 PM IST

कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के सात सहयोगियों को 2023 में अजनाला पुलिस थाने पर हुए हमले के मामले में शुक्रवार को यहां एक अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें 25 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।


अमृतपाल सिंह के इन सात सहयोगियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत लगाए गए आरोप वापस लिए जाने के बाद उन्हें असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया था जिसके बाद पंजाब पुलिस ने एक अन्य मामले में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया था।

अधिकारियों ने बताया कि सभी सातों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच यहां अजनाला की अदालत में पेश किया गया और चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया।

पुलिस ने कुछ मोबाइल फोन और हथियार बरामद करने तथा आगे की जांच करने समेत विभिन्न आधारों पर उनकी हिरासत के लिए अनुरोध किया था।

पंजाब सरकार ने अमृतपाल के सात सहयोगियों की हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद उन पर फिर से रासुका नहीं लगाने का फैसला किया था।

पंजाब पुलिस उनकी ‘ट्रांजिट रिमांड’ हासिल करके डिब्रूगढ़ जेल से कानूनी स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें अजनाला लेकर आई थी।

पंजाब पुलिस का 25 सदस्यीय दल पिछले कुछ दिनों से डिब्रूगढ़ में था ताकि वारिस पंजाब दे (डब्ल्यूपीडी) के नेता के उन सहयोगियों को स्थानांतरित किया जा सके, जो अमृतपाल सिंह के साथ लगभग दो साल से यहां जेल में थे।

अमृतपाल के जिन साथियों को पंजाब लाया गया है उनमें मोगा के दौलतपुरा ऊंचा का बसंत सिंह, मोगा के गांव बाजेके का भगवंत सिंह उर्फ ​​प्रधान मंत्री बाजेके, मोगा के बुक्कनवाला गांव का गुरमीत सिंह गिल उर्फ ​​​​गुरमीत बुक्कनवाला, नयी दिल्ली के पंजाबी बाग पश्चिम का सरबजीत सिंह कलसी उर्फ ​​दलजीत सिंह कलसी, फगवाड़ा का गुरिंदरपाल सिंह औजला उर्फ ​​गुरी औजला, अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का हरजीत सिंह उर्फ ​​चाचा और मोगा के राउके कलां का कुलवंत सिंह धालीवाल उर्फ ​​कुलवंत सिंह शामिल हैं।

रासुका के तहत हिरासत की अवधि समाप्त होने के कारण इन सभी को पिछले तीन दिन के दौरान डिब्रूगढ़ जेल से समूहों में रिहा किया गया है।

अमृतपाल समेत खालिस्तान समर्थक संगठन के 10 सदस्यों को मार्च 2023 में डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में रखा गया था। उन्हें संगठन पर कार्रवाई के तहत पंजाब के विभिन्न हिस्सों से रासुका के तहत गिरफ्तार किया गया था।

अमृतपाल ने 2024 का लोकसभा चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा था और खडूर साहिब सीट से जीत दर्ज की थी।
 

भाषा
अमृतसर


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