श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु के 33 मछुआरों को 'अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा' (आईएमबीएल) पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि तीन नावें भी जब्त की गई हैं।
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गिरफ्तार किए गए मछुआरे रामेश्वरम के रहने वाले हैं।
तमिलनाडु तटीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये गिरफ्तारियां रविवार (26 जनवरी) की सुबह हुई। मछुआरों को आईएमबीएल का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
इस घटना ने क्षेत्र में मछुआरों की सुरक्षा और आजीविका को लेकर चिंताएं फिर से जगा दी हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 12 जनवरी को केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को लिखे पत्र में हिरासत में लिए गए भारतीय मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तत्काल राजनयिक हस्तक्षेप की अपील की थी।
चिंता व्यक्त करते हुए, सीएम स्टालिन ने तमिलनाडु में मछली पकड़ने वाले समुदायों के बीच डर और अनिश्चितता पैदा करने वाली लगातार गिरफ्तारियों को उजागर किया था।
सीएम स्टालिन ने लिखा लिखा था, “बार-बार की गई गिरफ्तारियों ने हमारे मछुआरों की आर्थिक कठिनाई को बढ़ा दिया है और उनकी पारंपरिक आजीविका को कमजोर कर दिया है। उनकी जब्त नावों के साथ-साथ उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कार्रवाई करना जरूरी है।”
पूरे तमिलनाडु के मछुआरा संघों ने गिरफ्तारियों की कड़ी निंदा की है और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। रामेश्वरम के मछुआरों के नेता एंटनी जॉन ने लगातार जारी समस्या का समाधान करने में विफल रहने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा, "हमारे लिए पाक खाड़ी में मछली पकड़ना अब सुरक्षित नहीं रह गया है। हमने न केवल अपनी आजीविका खो दी है, बल्कि हमारी संपत्ति भी हड़प ली गई है।"
उन्होंने आगे कहा कि 2018 से अब तक लगभग 270 ट्रॉलर जब्त किए जा चुके हैं। इससे कई मछुआरे बेरोजगार हो गए हैं और उन पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है।
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