मणिपुर में जातीय संघर्ष के लिए सीएम मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मांगी माफी

Last Updated 01 Jan 2025 07:38:24 AM IST

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने राज्य में हुए जातीय संघर्ष के लिए मंगलवार को माफी मांगी और सभी समुदायों से पिछली गलतियों को भूलने तथा शांतिपूर्ण व समृद्ध राज्य में एक साथ रहने की अपील की।


मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह

प्रदेश में हुए जातीय संघर्ष में 250 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों लोग बेघर हो गए। सिंह ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले तीन से चार महीनों में राज्य में अपेक्षाकृत शांति रही है, जिससे उन्हें उम्मीद है कि नये साल में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।

उन्होंने कहा, राज्य में जो कुछ हुआ, उसके लिए मैं खेद व्यक्त करना चाहता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजन को खो दिया और कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। मुझे खेद है और मैं माफी मांगना चाहता हूं। लेकिन पिछले तीन से चार महीनों में अपेक्षाकृत शांति देखने के बाद मुझे उम्मीद है कि आने वाले वर्ष में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘जो कुछ भी हुआ, सो हुआ। मैं सभी समुदायों से अपील करना चाहता हूं कि वे पिछली गलतियों को माफ करें और भूल जाएं तथा शांतिपूर्ण व समृद्ध मणिपुर में एक साथ रहकर नए सिरे से जीवन शुरू करें।

सिंह ने कहा कि मई 2023 में जातीय संघर्ष शुरू हुआ था, लेकिन पिछले कुछ महीनों में राज्य में गोलीबारी की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा, ‘मई से अक्टूबर 2023 तक गोलीबारी की 408 घटनाएं, नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक 345 और मई 2024 से अब तक गोलीबारी की 112 घटनाएं हुईं।’ सिंह ने कहा कि लूटे गए हथियारों में से 3,112 बरामद कर लिये गये हैं, जबकि 2,511 विस्फोटक जब्त किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 625 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 12,047 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।

पूर्वोत्तर में सबसे ज्यादा हिंसा की घटनाएं हुई मणिपुर में

वर्ष 2023 में समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र में हुई हिंसा की कुल घटनाओं में से लगभग 77 फीसद घटनाएं मणिपुर में हुईं। गृह मंत्रालय की नवीनतम वाषिर्क रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी।

मणिपुर, बहुसंख्यक मेइती समुदाय और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से जातीय हिंसा का गवाह रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण हिंसक घटनाओं में वृद्धि देखी गई और इसके परिणामस्वरूप 2022 की तुलना में नागरिकों व सुरक्षा बलों के कर्मियों के हताहत होने की संख्या में वृद्धि हुई।

रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वोत्तर में हुई कुल 243  हिंसक घटनाओं में से 187 घटनाएं मणिपुर में हुईं। मणिपुर में आतंकवाद रोधी अभियानों के परिणामस्वरूप 33 उग्रवादी मारे गए और 184 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया, साथ ही 49 हथियार बरामद किए गए। इसके अलावा, उग्रवादी संगठनों के 80 उग्रवादियों ने 31 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया।

कुकी समुदाय की महिलाओं के साथ सुरक्षा बलों की झड़प

मणिपुर के कांगपोकपी जिले में कुकी-जो समुदाय की महिलाओं की मंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ झड़प हो गयी, जिससे जातीय संघर्ष से प्रभावित इस राज्य में फिर से तनाव बढ़ गया।  

पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि यह घटना थम्नापोकपी के पास उयोकंिचग में उस समय हुई, जब भीड़ ने सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम की तैनाती को ‘बाधित’ करने की कोशिश की।

पुलिस के मुताबिक, संयुक्त बलों ने ‘न्यूनतम बल प्रयोग’ के साथ भीड़ को ‘तितर-बितर’ कर दिया और अब हालात ‘शांतिपूर्ण और नियंत्रण में’ है।

 

समयलाइव डेस्क/भाषा
इंफाल/नई दिल्ली


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