महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कुल 4,136 उम्मीदवार मैदान में हैं, जो पांच साल पहले की तुलना में 27.7 प्रतिशत अधिक है।
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इनमें 2,086 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं।
निर्वाचन आयोग ने गुरूवार को प्रत्येक पार्टी के उम्मीदवारों के नाम वापस लेने और जांच के चरण में नाम खारिज होने के बाद अंतिम आंकड़े उपलब्ध करा दिए, जबकि चुनाव प्रचार जोरों पर चल रहा है।
वर्ष 2019 के पिछले विधानसभा चुनाव में जब मुकाबला भाजपा-शिवसेना और कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के बीच था, तो कुल 3,239 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।
इस बार राजनीतिक परिदृश्य अधिक विखंडित है, क्योंकि पिछले दो वर्षों में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन हो गया है। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 149 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 81 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं जबकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 59 उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) में कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के 95 उम्मीदवार और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के 86 उम्मीदवार मैदान में हैं। कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में सहयोगियों के बीच मैत्रीपूर्ण चुनावी मुकाबला होगा।
छोटे राजनीतिक दलों में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 237 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के 17 उम्मीदवार मैदान में हैं।
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