Jammu-Kashmir Assembly : जम्मू कश्मीर विधानसभा में 370 को लेकर जोरदार हंगामा, हाथापाई

Last Updated 07 Nov 2024 11:10:53 AM IST

Jammu-Kashmir Assembly : जम्मू कश्मीर विधानसभा में आज उस समय हंगामा मच गया जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों ने पूर्ववर्ती राज्य को विशेष दर्जा देने संबंधी प्रस्ताव पारित किए जाने का विरोध किया, जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी।


जम्मू कश्मीर विधानसभा में जोरदार हंगामा

जम्मू कश्मीर विधानसभा में इरान हाफिज लोन द्वारा 370 को लेकर बैनर दिखाने के बाद लोन और बीजेपी सदस्यों के बीच हाथापाई हो गयी, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

आर्टिकल 370 को हटाने को लेकर सरकार की ओर से पास बिल से गुस्साए बीजेपी के विधायक सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

इसी दौरान लंगेट विधानसभा सीट से अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने सदन में आर्टिकल 370 को हटाने से जुड़ा बैनर दिखा दिया। जिस पर लिखा था कि अनुच्छेद 370 और 35 ए को बहाल किया जाए। इसके बाद विधानसभा में हंगामा मच गया और पक्ष-विपक्ष के विधायकों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। इस पर भाजपा सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की। वे भी आसन के समक्ष आ गए तथा बैनर छीनकर उसे फाड़ दिया।

जिसके बाद बीच बचाव के लिए मार्शल तक को आना पड़ा।  और फिर बाद में सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा।

इसी दौरान हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। हालांकि, सदन स्थगित होने के बाद भी भाजपा सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा।

बुधवार को प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन में हंगामा हुआ और भाजपा सदस्यों ने जोरदार विरोध किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। आखिरकार, अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें कहा गया था, ‘‘यह विधानसभा जम्मू कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा करने वाले विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है और उन्हें एकतरफा तरीके से हटाने पर चिंता व्यक्त करती है।’’

प्रस्ताव में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा भारत सरकार से विशेष दर्जा और संवैधानिक गारंटी की बहाली के लिए जम्मू कश्मीर के लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू करने और इन प्रावधानों को बहाल करने के वास्ते संवैधानिक तंत्र तैयार करने का आह्वान करती है।

प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘यह सदन इस बात पर जोर देता है कि बहाली की किसी भी प्रक्रिया में राष्ट्रीय एकता और जम्मू कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षाओं की रक्षा होनी चाहिए।’’

बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की मांग वाला प्रस्ताव पारित होने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि विधानसभा ने अपना काम कर दिया है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि, प्रस्ताव में विशेष दर्जे को ‘‘एकतरफा तरीके से हटाए” जाने पर भी गहरी चिंता जताई गई है। औप फिर इसे बिना किसी बहस के पारित भी कर दिया गया।

समय डिजिटल डेस्क
जम्मू-कश्मीर


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