Dehra Assembly By election Result: CM सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर देहरा विधानसभा उपचुनाव जीतीं

Last Updated 13 Jul 2024 03:45:30 PM IST

हिमाचल प्रदेश की देहरा विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी व मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पत्नी कमलेश ठाकुर ने जीत दर्ज की है।


हिमाचल प्रदेश की देहरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी एवं कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश ठाकुर ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रत्याशी होशियार सिंह को 9,399 मतों के अंतर से शिकस्त दी।

कांग्रेस पार्टी ने पहली बार देहरा विधानसभा सीट से जीत हासिल की है।

देहरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में ठाकुर को 32,737 मत मिले, जबकि सिंह को 23,338 मत प्राप्त हुए। वहीं, इस सीट पर तीनों निर्दलीय उम्मीदवारों में से कोई भी 200 वोट हासिल नहीं कर पाए।

देहरा विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को हुए मतदान में 86,520 मतदाताओं में से 65.42 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।

यह निर्वाचन क्षेत्र 2012 में किए गए परिसीमन के बाद बना था। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री रवि इंदर सिंह 2012 में इस सीट से चुने गए थे। होशियार सिंह ने 2017 और 2022 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर देहरा सीट से जीत हासिल की थी।

हिमाचल प्रदेश में फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था और बाद में वह अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए, इसलिए पार्टी ने उन्हें देहरा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया था।

कमलेश ठाकुर ने चुनाव-प्रचार के दौरान कहा था कि देहरा का काम करवाने के लिए उन्हें सचिवालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

उन्होंने कहा था, ''मैं घर पर ही मुख्यमंत्री से काम करवा लूंगी।''

देहरा सीट पर अंतिम परिणाम जारी होने से पहले ही शिमला स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर जश्न मनाया गया तथा समर्थकों ने पटाखे फोड़े।

हिमाचल प्रदेश के नालागढ़, हमीरपुर और देहरा विधानसभा सीट पर सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई। तीनों सीट पर 10 जुलाई को वोट डाले गए थे।

ये सीट तीन निर्दलीय विधायकों--होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और के. एल. ठाकुर (नालागढ़) के 22 मार्च को सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने के कारण रिक्त हुई थीं। इन विधायकों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया था। बाद में, ये भाजपा में शामिल हो गए थे।

विधानसभा अध्यक्ष ने तीन जून को इन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए थे, जिसके बाद तीनों सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया था, जिसके कारण उपचुनाव कराने की आवश्यकता पड़ी।

भाजपा ने तीनों निर्दलीय विधायकों को उनके निवार्चन क्षेत्रों से ही उम्मीदवार बनाया था।

भाषा
शिमला


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