बंगाल में OBC प्रमाणपत्र पर हाईकोर्ट के फैसले से भड़कीं ममता, बोली नहीं मानूंगी आदेश

Last Updated 23 May 2024 06:58:11 AM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार को कहा कि वह राज्य में कई वर्गों के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के दर्जे को रद्द करने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को ‘‘स्वीकार नहीं करेंगी।’’


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

उन्होंने संकेत दिया कि सरकार इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।

दमदम लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले खड़दह में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि राज्य में ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा क्योंकि इससे संबंधित विधेयक संविधान की रूपरेखा के भीतर पारित किया गया था।

ओबीसी विधेयक विधानसभा में पारित किया गया था

उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लाया गया ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा। हमने घर-घर सर्वेक्षण करने के बाद विधेयक बनाया था और उसे मंत्रिमंडल तथा विधानसभा ने पारित किया था।’’

तृणमूल प्रमुख ने कहा, ‘‘ यदि जरूरत पड़ी, तो हम (इस आदेश के खिलाफ) ऊपरी अदालत जायेंगे।’’

भाजपा को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले इश्तहारों का प्रकाशन करने से रोकने वाले उच्च न्यायालय के 20 मई के आदेश का जिक्र करते हुए बनर्जी ने दावा किया कि ऐसे विज्ञापन अब भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह भाजपा के खिलाफ 1000 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दर्ज करायेंगी।

तृणमूल प्रमुख ने भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर ओबीसी आरक्षण को रोकने की साजिश करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘ कुछ लोग ओबीसी के हितों पर कुठाराघात करने के लिए अदालत गये और उन्होंने याचिकाएं दायर कीं एवं तब यह घटनाक्रम सामने आया है। भाजपा इतना दुस्साहस कैसे दिखा सकती है?’’

बनर्जी ने भाजपा से सवाल किया कि क्या सरकार उसके द्वारा चलायी जाएगी या अदालत के द्वारा?

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में कई वर्गों को दिया गया ओबीसी का दर्जा रद्द करते हुए कहा कि राज्य में सेवाओं और पदों में रिक्तियों में 2012 के एक अधिनियम के तहत ऐसा आरक्षण गैरकानूनी है।

भाजपा की नयी साजिश

बनर्जी ने कहा कि संदेशखालि में अपनी साजिश में विफल हो जाने के बाद भाजपा अब नयी साजिश रच रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘वोट की राजनीति की खातिर, पांच साल सत्ता में बने रहने के लिए आप (भाजपा) ये सब चीजें कर रहे हैं।’’

बनर्जी ने कहा कि यह तब हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरोप लगाया है कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद यदि सत्ता में आया तो वह अनुसूचित जाति (एससी)/जनजाति (एसटी) एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों का आरक्षण रद्द कर देगा।

तृणमूल प्रमुख ने कहा, ‘‘एससी, एसटी और ओबीसी को संविधान के मुताबिक अधिकार मिलते हैं। अल्पसंख्यकों के भी अपने अधिकार हैं। क्या कोई कह सकता है कि वह हिंदुओं के फायदे के लिए ही कानून बनायेगा तथा मुसलमानों एवं अन्य समुदायों को छोड़ देगा।’’

उन्होंने भाजपा पर जाति, आरक्षण एवं धर्म की राजनीति करने तथा लोगों को बांटने का आरोप लगाया।

झूठ फैलाने को लेकर बीजेपी पर 1000 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दर्ज करेंगी ममता

बनर्जी ने कहा, ‘‘अपनी उपलब्धियों के बारे में झूठ फैलाने तथा मेरे एवं मेरी परियोजनाओं के खिलाफ झूठे आरोप लगाने को लेकर मैं (भाजपा के खिलाफ) 1000 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दर्ज कराऊंगी। मैंने अपने पूरे राजनीतिक करियर में एक भी पैसा नहीं लिया है। और मैं पूरी धनराशि लोगों में बांट दूंगी।’’

दमदम लोकसभा क्षेत्र के अगरपाड़ा में बनर्जी ने कहा, ‘‘क्या मुसलमान इस देश के नागरिक नहीं हैं? क्या एससी, एसटी, ओबीसी इस देश के नागरिक नहीं हैं? क्या ईसाई एवं अन्य अल्पसंख्यक इस देश के नागरिक नहीं हैं। सभी के अपने अधिकार हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ न्यायाधीश सेवानिवृति के बाद कहते हैं कि वे आरएसएस से जुड़े हैं, एक अन्य न्यायाधीश भाजपा के साथ अपने जुड़ाव को व्यक्त करते हैं एवं उम्मीदवार बन जाते हैं। ऐसे व्यक्ति कैसे निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित कर सकते हैं। ..’’

आईएएनएस
खड़दह/अगरपाड़ा (प.बंगाल)


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