Karnataka : ग्रामीणों ने अंतरजातीय विवाह करने पर मूक-बधिर जोड़े और नवजात का किया बहिष्कार, प्रशासन करेगा कार्रवाई

Last Updated 28 Sep 2023 11:42:34 AM IST

कर्नाटक में झूठी शान की खातिर ग्रामीणों ने अंतरजातीय विवाह करने पर एक मूक-बधिर जोड़े और नवजात का बहिष्कार कर दिया। इस मामले को लेकर चित्रदुर्ग जिला प्रशासन देवराहल्ली के ग्रामीणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।


कर्नाटक में अंतरजातीय विवाह करने पर मूक-बधिर जोड़े का बहिष्कार

सूत्रों के अनुसार, महिला और उसके बच्चे को महिला पुनर्वास केंद्र ले जाया गया है। अधिकारी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं।

क्या है मामला

आपको बता दें कि 3 साल पहले ही इस जोड़े ने शादी कर ली थी। एन. देवराहल्ली की सविथ्रम्मा और आंध्र प्रदेश के मणिकाथा दोनों ही मूक-बधिर हैं।

महिला डिलीवरी कराने के लिए अपने घर आई थी और एक महीने पहले उसने एक बच्चे को जन्म दिया। गांव के लोग इस विवाह को लेकर खुश नहीं थे, उन्होंने इस विवाह पर कड़ी आपत्ति जताई और दूसरी जाति के व्यक्ति से शादी करने के लिए उसका गांव से बहिष्कार कर दिया।

दोनों बेंगलुरु में निजी कंपनियों में काम करते हैं और एक-दूसरे को पसंद करने लगे और 2021 में उन्‍होंने शादी कर ली। लेकिन मणिकथा, रेड्डी समुदाय की हैं और सविथ्रम्मा ग्रांडा जोगी जाति की है।

नवविवाहित जोड़े के गांव आने पर ही सविथ्रम्मा समुदाय के सदस्यों ने अंतरजातीय विवाह पर कड़ी आपत्ति जताई थी। यही नहीं उन्होंने लड़की के माता-पिता पर 30,000 रुपये का जुर्माना तक लगा दिया और जोड़े को गांव से निष्कासित कर दिया। बाद यह जोड़ा बेंगलुरु लौट आया।

समुदाय के लोगों ने सविथ्रम्मा को प्रसव के लिए घर के अंदर जाने देने को लेकर उसके माता-पिता के साथ फिर से लड़ाई करनी शुरू कर दी, उन्होंने धमकी दी कि अगर सविथ्रम्मा और पति को उनके एक महीने के बच्चे के साथ घर से बाहर नहीं भेजा गया, तो उन्हें समुदाय द्वारा हमेशा के लिए गांव से बाहर जाना होगा।

परेशान दंपति ने चल्लकेरे में मूक-बधिर स्कूल के स्टाफ को इस घटनाक्रम की जानकारी दी थी, वे जोड़े को महिला पुनर्वास केंद्र ले गए और घटना की जानकारी तहसीलदार को दी।

इस मामले को महिला एवं बाल कल्याण विभाग के संज्ञान में भी लाया गया।


गांव के तहसीलदार राहन पाशा पुनर्वास केंद्र पहुंचे और दंपति को सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन भी दिया।

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने समुदाय के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सूत्रों ने बताया कि प्रशासन इस घटना को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने और गांव में जागरूकता अभियान चलाने पर विचार कर रहा है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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