विवेकानंद हत्याकांड: सीबीआई ने कडप्पा सांसद को जारी किया नोटिस
आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक बार फिर कडप्पा के सांसद वाई.एस. अविनाश रेड्डी को नोटिस किया और पूछताछ के लिए 28 जनवरी को पेश होने के लिए कहा।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी |
मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई अविनाश रेड्डी को 28 जनवरी को सुबह 11 बजे हैदराबाद में सीबीआई अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के सांसद को पहले 24 जनवरी को पेश होने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, उन्होंने पुलिवेंदुला में अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण उस दिन पेश होने में असमर्थता जताई थी और किसी और दिन की मांग की थी।
सीबीआई को लिखे पत्र में सांसद ने जांच में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने मंगलवार को कहा था कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते उन्होंने सीबीआई के समक्ष पेश होने के लिए चार से पांच दिन का समय मांगा था। उन्होंने कहा था, मैं उनके द्वारा पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हूं। अगली बार जब वे मुझे नोटिस देंगे, तो मैं पूछताछ के लिए खुद को सीबीआई के सामने पेश करूंगा।
लोकसभा सदस्य ने कहा कि पिछले ढाई साल के दौरान उन्हें और उनके करीबी लोगों को विवेकानंद हत्याकांड से जोड़कर उनके चरित्र हनन का प्रयास किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया का एक वर्ग उनके खिलाफ झूठा प्रचार करने पर उतारू है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आखिरकार मामले में सच्चाई की जीत होगी।
विवेकानंद रेड्डी की चुनाव से कुछ दिन पहले 15 मार्च, 2019 को कडप्पा स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी।
68 वर्षीय पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद अपने घर पर अकेले थे, तभी अज्ञात लोगों ने उनके घर में घुसकर हत्या कर दी। कडपा में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान की शुरूआत करने से कुछ घंटे पहले उनकी हत्या कर दी गई थी।
तीन विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच की, लेकिन वे मामले की गुत्थी को सुलझाने में नाकाम रहे।
सीबीआई ने विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता रेड्डी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर 2020 में मामले की जांच अपने हाथ में ली, जिसने कुछ रिश्तेदारों पर संदेह जताया था।
सीबीआई ने 31 जनवरी, 2022 को एक पूरक आरोप पत्र दायर किया।
नवंबर, 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के पीछे की बड़ी साजिश के मुकदमे और जांच को हैदराबाद में सीबीआई अदालत में ट्रांसफर कर दिया। शीर्ष अदालत ने पाया कि सुनीता रेड्डी द्वारा आंध्र प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई और जांच के बारे में उठाए गए संदेह उचित थे।
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