CM चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी की आज कोर्ट में होगी पेशी
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को पंजाब में अवैध खनन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम मामले में उनकी हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद शुक्रवार को जालंधर अदालत में पेश किया जाएगा।
(फाइल फोटो) |
इससे पहले दो मौकों पर अदालत ने ईडी को हनी की कस्टडी दी थी। ईडी के सूत्र कह रहे हैं कि इस बार वे और हिरासत की मांग नहीं करेंगे।
ईडी ने हनी को 3 और 4 फरवरी की दरम्यानी रात को गिरफ्तार किया था।
इन आठ दिनों की पूछताछ के दौरान ईडी ने विभिन्न दस्तावेजों के साथ उनके बयान दर्ज किए।
सूत्र ने कहा कि हनी टाल-मटोल कर रहा था और जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहा था।
हनी के वकील हरनीत सिंह ओबेरॉय को वैकल्पिक दिनों में उनसे मिलने की अनुमति दी गई।
आईएएनएस को कुछ दस्तावेज मिले जिनमें लिखा था कि हनी कथित तौर पर ट्रांसफर और पोस्टिंग के एवज में अधिकारियों से पैसे लेता था।
ईडी के दस्तावेजों के अनुसार, "इसके अलावा, भूपिंदर सिंह ने तलाशी के दौरान अपने बयान में, अन्य बातों के साथ, स्पष्ट रूप से कहा है कि लुधियाना में उनके आवासीय परिसर (4.09 करोड़ रुपये), संदीप कुमार के लुधियाना स्थित परिसर (1.99 करोड़ रुपये), मोहाली में उसके घर से 3.89 करोड़ रुपये बरामद किए गए, जो वास्तिवक रूप से उसके थे। उसने खनन से संबंधित गतिविधियों के माध्यम से अपराध की ऐसी आय अर्जित करने की बात स्वीकार की, जिसमें खनन फाइलों की मंजूरी और अधिकारियों का स्थानांतरण शामिल है।"
सूत्रों ने दावा किया है कि हनी चन्नी के करीबी थे, इसलिए वह भारी मुनाफा कमाने के लिए राजनीतिक कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहे थे।
ईडी के दस्तावेजों के मुताबिक, हनी ने कबूल किया है कि उसके दस करोड़ रुपये थे जो ईडी ने छापेमारी के दौरान बरामद किए थे। ईडी ने आरोप लगाया है कि उसे अवैध खनन से भी पैसा मिल रहा था।
18 जनवरी को ईडी ने होमलैंड हाइट्स सहित दस अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की, जो हनी का आवास है।
ईडी ने दो दिनों तक अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।
ईडी अधिकारियों ने हनी के बिजनेस पार्टनर कुदरत दीप सिंह का बयान दर्ज किया था।
ईडी के अधिकारी ने कहा था कि उन्होंने छापेमारी के दौरान अवैध रेत खनन, संपत्ति के लेन-देन, सेल फोन, 21 लाख रुपये से अधिक के सोने और 12 लाख रुपये की घड़ी और 10 करोड़ रुपये नकद से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए है।
एक सूत्र ने कहा कि उनके द्वारा बरामद दस्तावेजों से पुष्टि होती है कि कुदरत दीप सिंह दो फर्म चला रहे थे और भूपिंदर सिंह हनी उनमें संयुक्त निदेशक थे।
सूत्रों के मुताबिक, ये कंपनियां मूल रूप से मुखौटा कंपनियां हैं, लेकिन ईडी को बहुत सारे पैसे के लेनदेन का पता चला है। फर्मों में से एक प्रदाता ओवरसीज कंसल्टेंसी लिमिटेड है, जिसे 2018 में 33.33 प्रतिशत समान शेयरों के साथ शामिल किया गया था।
ईडी मामले की जांच दो साल पुरानी प्राथमिकी के आधार पर कर रही है।
पंजाब पुलिस ने सात मार्च 2018 को दस से अधिक आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
ईडी ने पिछले साल नवंबर में पंजाब में अवैध बालू खनन से जुड़ी इस प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।
पंजाब पुलिस की प्राथमिकी में भूपिंदर सिंह हनी का नाम नहीं था और मामले में कुदरत दीप सिंह को क्लीन चिट दे दी गई थी।
ईडी ने पाया कि आरोपी द्वारा पैसे की हेराफेरी की जा रही थी और एजेंसी ने मामले की जांच शुरू कर दी थी।
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