स्कूल में छात्राओं के हिजाब पहनने के खिलाफ श्रीराम सेना प्रमुख की टिप्पणी पर विवाद

Last Updated 02 Feb 2022 11:12:13 PM IST

श्रीराम सेना प्रमुख प्रमोद मुतालिक का यह बयान- (छात्रों का कक्षा में हिजाब पहनने पर जोर देना उनकी आतंकवादी मानसिकता को दर्शाता है और उन्हें स्कूलों से बाहर कर दिया जाना चाहिए) ने राज्य में एक विवाद खड़ा कर दिया है।


स्कूल में छात्राओं के हिजाब पहनने के खिलाफ श्रीराम सेना प्रमुख की टिप्पणी पर विवाद

मुतालिक ने मंगलवार को कहा था कि कक्षा में हिजाब पहनने की यह अड़ियल मानसिकता छात्रों को आतंकवाद की ओर ले जाएगी। वे हिजाब से शुरू करते हैं, बाद में बुर्का मांगते हैं और बाद में नमाज और मस्जिद की मांग करते हैं। यह आपका धार्मिक केंद्र है या स्कूल?

उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर किसी भी सार्वजनिक बहस या प्रवचन की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया। जो छात्र हिजाब पहनने की जिद कर रहे हैं, उन्हें ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी किया जाए और उन्हें बाहर कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह मानसिकता खतरनाक है।

"आपको घर पर अपनी पसंद के कपड़े पहनने की आजादी है। लेकिन, एक बार जब छात्र स्कूल परिसर में प्रवेश करते हैं, तो नियमों का पालन करना पड़ता है। क्या आप भारत, पाकिस्तान या अफगानिस्तान बना रहे हैं? अगर आप बुर्का या हिजाब मांगते हैं तो आप पाकिस्तान जा सकते हैं।"



बयानों ने राज्य में एक विवाद को जन्म दिया है, जो पहले से ही हिजाब विवाद का सामना कर रहा है। उडुपी प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में कक्षा में हिजाब पहनने को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों ने राहत की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

सरकार ने इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। तब तक सरकार ने छात्रों से हिजाब नहीं पहनने को कहा है। हालांकि, छात्रों ने आदेश की अवहेलना की है और कहा है कि हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है।

आईएएनएस
हुबली (कर्नाटक)


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