असम में कांग्रेस विधायक 'सांप्रदायिक भड़काऊ' बयानों को लेकर हिरासत में

Last Updated 03 Oct 2021 01:30:12 AM IST

असम के कांग्रेस विधायक शेरमान अली अहमद को 23 सितंबर की हिंसा का जिक्र करते हुए 'सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ' बयानों के लिए उनकी पार्टी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के एक दिन बाद शनिवार शाम को हिरासत में ले लिया गया।


असम के कांग्रेस विधायक शेरमान अली अहमद

राज्य के दारांग जिले में बेदखली अभियान के दौरान भीड़ की पुलिस के साथ झड़प में 20 अन्य घायल हो गए। तीन बार के विधायक शेरमान (54) ने करीब 40 साल पहले असम आंदोलन के दौरान दरांग जिले में आठ लोगों की हत्या को सही ठहराया था।

अहमद पश्चिमी असम के बारपेटा जिले की बागबार सीट से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने पिछले हफ्ते 'सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ' बयान दिया, जिससे राज्यभर में व्यापक राजनीतिक विवाद शुरू हो गया। विभिन्न संगठनों ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों में शिकायत दर्ज कराई, जिससे पुलिस को उन्हें गुवाहाटी में उनके आधिकारिक आवास से हिरासत में लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "विधायक को हिरासत में लिया गया है और हम सभी कानूनी पहलुओं की जांच कर रहे हैं, फिर हम उसकी गिरफ्तारी के बारे में फैसला करेंगे।"

उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कई पार्टियां और नागरिक समाज संगठन पिछले एक सप्ताह से कई जिलों में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।



असम कांग्रेस महासचिव बोबीता शर्मा ने अहमद से तीन दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है। उन्होंने शुक्रवार को कहा था कि विधायक बयानों ने एआईसीसी और राज्य कांग्रेस की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है।

बोबीता शर्मा ने अहमद से कहा, "आप मुख्यमंत्री (हिमंत बिस्वा सरमा) के साथ निकटता के कारण 'भाजपा के एजेंट' के रूप में काम कर रहे हैं। हो सकता है कि आपको कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए इस तरह के भड़काऊ और सांप्रदायिक देने के लिए प्रायोजित किया गया हो, विशेष रूप से राज्य में चुनाव होने से पहले।"

आईएएनएस
गुवाहाटी


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