पंजाब के 17वें सीएम बने चरणजीत चन्नी, सुखजिंदर रंधावा और ओमप्रकाश सोनी ने भी ली शपथ
पंजाब में कांग्रेस विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चन्नी पंजाब में मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं।
चरणजीत चन्नी का शपथ ग्रहण आज (फाइल फोटो) |
उनके साथ सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओम प्रकाश सोनी ने मंत्री पद की शपथ ली जो राज्य के उप मुख्यमंत्री हो सकते हैं। रंधावा जट सिख और सोनी हिंदू समुदाय से आते हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शपथ ग्रहण होने के कुछ मिनटों के बाद राजभवन पहुंचे और तीनों नेताओं को बधाई दी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी को पहुंचने में कुछ मिनटों का विलंब हो गया था।
चंडीगढ़: कांग्रेस नेता सुखजिंदर एस रंधावा ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली। https://t.co/MLGWEKDzKj pic.twitter.com/CPX0Wtk6GM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 20, 2021
चन्नी दलित सिख (रामदासिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की।
वह शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे।
रंधावा गुरुदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में कारागार मंत्री थे।
सोनी अमृतसर (मध्य) विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और पिछली सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री थे।
चंडीगढ़: कांग्रेस नेता ओपी सोनी ने पंजाब के मंत्री पद की शपथ ली। pic.twitter.com/K6rra204eH
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रंधावा और सोनी को इस सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपकर कांग्रेस ने सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश की है।
अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद चन्नी को कांग्रेस विधायक दल का नया नेता चुना गया। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि चन्नी मुख्यमंत्री पद के लिए राहुल गांधी की पसंद हैं।
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री चन्नी आज दिन में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश कर सकते हैं।
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया।
इस्तीफा देने से पहले अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर हालिया राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर पीड़ा व्यक्त की और इस बात को लेकर चिंता जताई कि इन घटनाक्रम से राज्य में अस्थिरता आ सकती है।
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