एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले के आरोपित फादर स्टेन स्वामी का निधन
एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी पादरी स्टैन स्वामी का एक अस्पताल में निधन हो गया। स्वामी का जिस अस्पताल में उपचार चल रहा था, उसके एक अधिकारी ने बंबई उच्च न्यायालय को सोमवार को इस बारे में बताया।
स्टेन स्वामी का दिल का दौरा पड़ने से निधन |
उपनगरीय बांद्रा में होली फैमिली अस्पताल के निदेशक डॉ इयान डिसूजा ने उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की पीठ को बताया कि 84 वर्षीय स्वामी की सोमवार अपराह्न डेढ बजे मृत्यु हो गई।
उच्च न्यायालय द्वारा स्वामी की एक याचिका पर सुनवाई के बाद आदिवासियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता को 29 मई को तलोजा जेल से निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस याचिका में कहा गया था कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए और पार्किंसंस बीमारी से जूझ रहे हैं, इसलिए चिकित्सा उपचार की जरूरत है।
डिसूजा ने अदालत को बताया कि रविवार तड़के स्वामी को दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। अधिकारी ने अदालत को बताया, ‘‘उनकी (स्वामी) हालत ठीक नहीं हो पायी और आज दोपहर उनका निधन हो गया।’’
उन्होंने बताया कि फेफड़े में संक्रमण, पार्किंसंस रोग और कोविड-19 की जटिलताओं के कारण स्वामी की मौत हो गयी। स्वामी के वकील मिहिर देसाई ने बताया कि तलोजा जेल प्रशासन की ओर से लापरवाही हुई और उन्हें तुरंत चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं करायी गयी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल 08 अक्टूबर को भीमा कोरेगांव हिंसा-एल्गार परिषद मामले में 84 वर्षीय स्टेन स्वामी को रांची से गिरफ्तार किया गया था और तलोजा सेंट्रल जेल में बंद कर दिया था।
उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद 30 मई को उन्हें होली फैमिली अस्पताल में स्थानांतरित करने से पहले वह तलोजा जेल से वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश हुए थे।
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