नारद केस: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकता HC के आदेश को किया रद्द, ममता बनर्जी को आवेदन दाखिल करने का निर्देश

Last Updated 25 Jun 2021 03:22:11 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने नारद स्ट्रिंग मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के हलफनामे को रिकॉर्ड में लेने से इनकार करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को शुक्रवार को दरकिनार कर दिया।


शीर्ष अदालत ने संबंधित हलफनामा समय पर दायर न करने का कारण बताते हुए उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल करने का राज्य सरकार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक को अनुमति दे दी।

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेरी की अवकाशकालीन खंडपीठ ने इन सभी को 28 जून तक अपनी अर्जियां दाखिल करने का निर्देश दिया है। उसने उच्च न्यायालय का 9 जून का आदेश निरस्त कर दिया, ताकि अर्जियों का दाखिल किया जाना सुनिश्चित हो सके।

सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को यह भी निर्देश दिया है कि वह सीबीआई को 27 जून तक अपनी अर्जियों की प्रति उपलब्ध करा दें। खंडपीठ ने साथ ही उच्च न्यायालय को सलाह दी कि वह हलफनामों को स्वीकार करने की अर्जी पर सुनवाई के लिए निर्धारित तारीख 29 जून को विचार करे।

बनर्जी और घटक ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के 9 जून के आदेश के विरुद्ध शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उच्च न्यायालय ने नौ जून को नारद स्ट्रिंग टेप मामले को स्थानांतरित करने की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अर्जी पर सुनवाई के दौरान उनके हलफनामे रिकॉर्ड पर लेने से इनकार कर दिया था।

गत 22 जून को मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध थी, लेकिन न्यायमूर्ति बोस ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। उसके बाद मामले की सुनवाई के लिए मौजूदा पीठ का गठन किया गया था। नयी पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए आज की तारीख मुकर्रर की थी।
 

वार्ता
नई दिल्ली


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