28 साल बाद मिला सिस्टर अभया को इंसाफ, पादरी व नन को आजीवन कारावास
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने केरल के कोट्टयम में 28 साल पहले हुई सिस्टर अभया की हत्या के दोषी पाए गए कैथोलिक पादरी और नन को बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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सीबीआई की विशेष अदालत ने सिस्टर अभया हत्या मामले में बुधवार को फैसला देते हुए पहले आरोपी फादर थॉमस कोट्टूर को दोहरे आजीवन कारावास जबकि तीसरी आरोपी सिस्टर सेफी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने इसके अलावा फादर थॉमस कोट्टूर पर 6.5 लाख रुपये जबकि सिस्टर सेफी पर 5.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश के सनल कुमार ने मंगलवार को आरोपियों को दोषी करार देते हुए बुधवार सुबह यह सजा सुनाई।
सीबीआई अदालत ने 10 दिसंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद 28 वर्ष पुराने इस मामले में फैसला सुनाया है।
दरअसल, केरल के कोट्टायम जिले के सेंट पियस एक्स कॉन्वेंट में 27 मार्च 1992 को सिस्टर अभया एक कुंए में मृत पाई गयी थीं। उस समय उनकी उम्र केवल 18 वर्ष ही थी।
सिस्टर अभया कोट्टयम के साइरो-मालाबार कैथोलिक आर्चेपार्ची के सिस्टर्स संगठन की सदस्य थीं।
केरल उच्च न्यायालय ने एक नवंबर 2008 को इस मामले की जांच सीबीआई की कोच्चि इकाई को सौंप दी थी। सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि सिस्टर अभया ने आरोपियों को कॉन्वेंट की रसोई में आपत्तिजनक स्थिति में देखा था। दोनों आरोपी डर गए थे कि अभया उनके संबंधों के बारे में सभी को बता देगी इसलिए उन्होंने कुल्हाड़ी से मार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद दोनों आरोपियों ने सिस्टर अभया के शव को उठाकर कुंए में फेंक दिया।
स्थानीय पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या बताकर इसकी जांच को बंद कर दी थी।
केरल उच्च न्यायालय के आदेश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई की पहली और दूसरी टीम की जांच के निष्कर्ष के आधार पर तीसरी टीम ने 19 नवंबर 2008 को दो पादरियों और एक सिस्टर को गिरफ्तार कर लिया था।
अन्य आरोपी फादर जोस पूथरीकयिल को सीबीआई अदालत ने गत वर्ष ही रिहा कर दिया था।
सुबूत मिटाने के आरोपी पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारी के टी माइकल को भी रिहा कर दिया गया था।
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