भारत और फ्रांस रक्षा के बाद तेजी से बढ़ा रहे व्यापार और निवेश में सहयोग

Last Updated 10 Feb 2025 07:37:07 PM IST

रक्षा क्षेत्र में मजबूत साझेदारी स्थापित करने के बाद भारत और फ्रांस क्लीन एनर्जी, न्यू टेक्नोलॉजी और एविएशन जैसे सेक्टरों में व्यापार और निवेश के जरिए अपनी साझेदारी लगातार मजबूत कर रहे हैं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को फ्रांस में एआई एक्शन समिट में हिस्सा लेने के लिए पेरिस गए हैं।

फ्रांस भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का एक प्रमुख स्रोत बनकर उभरा है। देश में 1,000 से अधिक फ्रांसीसी कंपनियां मौजूद हैं। अप्रैल 2000 से दिसंबर 2023 तक 10.84 अरब डॉलर के संचयी निवेश के साथ फ्रांस भारत में 11वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है।

प्रधानमंत्री मोदी 10 फरवरी से लेकर 12 फरवरी तक फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा पर गए हैं। यहां पर वह एआई एक्शन समिट की सहध्यक्षता करेंगे। यह विश्व के नेताओं और वैश्विक तकनीकी सीईओ का समिट है, जिसमें इनोवेशन और सार्वजनिक भलाई के लिए एआई टेक्नोलॉजी के प्रति सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर प्रोजेक्ट का भी दौरा करेंगे।

दोनों देश जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए ग्रीन एनर्जी पर जोर देने के लिए द्विपक्षीय असैन्य परमाणु सहयोग को बढ़ावा देने के लिए छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के लिए बातचीत कर रहे हैं।

भारत-फ्रांस त्रिकोणीय विकास सहयोग पहल भी शुरू होने की संभावना है। दोनों देशों द्वारा 2026 को भारत-फ्रांस इनोवेशन ईयर घोषित करने की उम्मीद है।

चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री फ्रांस-इंडिया के अध्यक्ष कुमार आनंद के अनुसार, भारत और फ्रांस के बीच व्यापार 20 अरब डॉलर से कम रहा, जिसमें अधिकांश लेन-देन रक्षा और एयरोस्पेस उद्योगों पर केंद्रित है।

भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए फ्रांस एक अहम साझेदार है।

भारत और फ्रांस तीसरे देशों के लाभ सहित एडवांस रक्षा टेक्नोलॉजी के सह-विकास और सह-उत्पादन में सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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