Delhi Election 2025 Dates: चुनाव आयोग ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का किया ऐलान, 5 फरवरी को वोटिंग, 8 फरवरी को आएंगे नतीजे

Last Updated 07 Jan 2025 02:53:01 PM IST

चुनाव आयोग ने आज दिल्ली विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही दिल्ली चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया।


भारतीय निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। दिल्ली में पांच फरवरी को मतदान होगा और आठ फरवरी को नतीजे आएंगे। 

बता दें कि दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है।

ईसीआई राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली में कुल 1 करोड़ 55 लाख वोटर्स हैं। इसके अलावा, पुरुष मतदाता की संख्या 83.49 लाख, महिला मतदाता 71.74 लाख है और युवा मतदाता की संख्या 25.89 लाख हैं। उधर, पहली बार वोट देने जा रहे मतदाताओं की कुल संख्या 2.08 लाख है। इसके अलावा, दिल्ली में 13 हजार से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। 100 साल से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 830 है।

वहीं, चुनाव की तारीखों की ऐलान करने से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने कई मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोग खुलकर अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैं। खासकर देश के युवा खुलकर लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा ले रहे हैं, जो हमें बीते लोकसभा चुनाव में देखने को मिला है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सभी युवा चुनावी प्रक्रियाओं में हिस्सा लेकर देश के लोकतंत्र को मजबूत करने का प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव निष्पक्ष हो। हम चुनाव में हर प्रकार की गतिविधियों की विशेष जांच करेंगे, जैसा कि बीते चुनाव में किया था।

उन्होंने आगे कहा कि वोटर लिस्ट में गलत एंट्री के आरोपों को सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। यहां तक कहा गया है कि यह ईवीएम इलेक्शन है। वोटर लिस्ट में नाम काटने की शिकायत की गई। यहां तक की धीमी मतगणना के आरोप भी लगाए गए। लिहाजा हम इन सभी सवालों के जवाब देंगे, क्योंकि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। हम पारदर्शिता के सिद्धांत पर विश्वास रखते हैं।

चुनाव की तारीखों के ऐलान के दौरान राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि युवा लोकतंत्र में भागीदारी बढ़ाते रहें। लोकसभा चुनाव में नया रिकॉर्ड बना है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में भी लोकतंत्र मजबूत होता रहेगा। उन्होंने मतदाता सूची में गलत एंट्री के आरोपों पर कहा कि इस तरह के आरोपों को सुनकर दुख होता है। ये ईवीएम चुनाव है। मतदाता सूची में नाम काटने की शिकायत की गई है। मतदाता सूची की जानकारी भी हर पार्टी को दी जाती है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि धीमी मतगणना को लेकर आरोप लगाए गए हैं। कई सवाल भी उठाए गए हैं। हम सभी सवालों का जवाब देंगे। पारदर्शिता ही हमारी प्राथमिकता है।

ईवीएम के साथ छेड़छाड़ को लेकर उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की बात में दम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि ईवीएम मशीन को हैक नहीं किया जा सकता है। इसके बाद भी ईवीएम पर शक जताने का प्रयास किया गया। चुनाव से एक हफ्ते पहले ईवीएम तैयार हो जाती है। पोलिंग एजेंटों के सामने ईवीएम मशीन सील होती है। वोटिंग समाप्त होने के बाद ईवीएम सील की जाती है। ईवीएम की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है।

इसके अलावा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि ईवीएम फुलप्रूफ डिवाइस है। ईवीएम में किसी तरह का वायरस नहीं आ सकता। चुनाव में पारदर्शिता हमारी प्राथमिकता है। ईवीएम में अवैध वोट की संभावना नहीं है।

राजीव कुमार ने काव्यात्मक ढंग से सामान्य आरोप न लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि "आरोप और इल्जामात का दौर चले, कोई गिला नहीं; झूठ के गुब्बारों को सहारा मिलें, कोई शिकवा नहीं; हर नतीजे में प्रमाण दिया गया है; पर वो ना सबूत शक की नई दुनिया खोजते हैं और शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं!"

 

राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 विधायकों की आवश्यकता है।

साल 2020 के विधानसभा चुनाव के तहत 8 फरवरी को मतदान संपन्न हुआ था जबकि मतगणना 11 फरवरी को हुई थी। इस चुनाव में आप ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 62 ने जीत दर्ज की थी। इस प्रकार आप ने भारी बहुमत से जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी।

इस चुनाव में भाजपा ने 67 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और उसे महज आठ ही सीट पर सफलता मिल सकी। कांग्रेस सहित अन्य दलों का खाता भी नहीं खुल सका था।

इससे पहले, साल 2015 के विधानसभा चुनाव में भी आप ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी को 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। भाजपा को महज तीन सीटों से ही संतोष करना पड़ा था, जबकि कांग्रेस और अन्य दलों का खाता तक नहीं खुला था।

साल 2014 से अब तक हुए तीनों लोकसभा चुनावों में भाजपा ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर कब्जा जमाया हुआ है।
 

आईएएनएस/भाषा
नई दिल्ली


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