अलग-अलग फ्लोर पर चल रही एक फैक्टरी के लिए अब एक ही लाइसेंस

Last Updated 15 Dec 2024 07:02:18 AM IST

दिल्ली नगर निगम ने फैक्टरी परिसर की विभिन्न मंजिलों पर उत्पादन करने वाले फैक्टरी मालिकों को बड़ी राहत देते हुए फ्लोर-वाइज फैक्टरी लाइसेंस की आवश्यकता वाली नीति को युक्तिसंगत बना दिया।


पहले इस बात को लेकर अनिश्चितता थी कि क्या फैक्टरी मालिक को प्रत्येक मंजिल के लिए फैक्टरी लाइसेंस लेना आवश्यक है, जहां उत्पादन गतिविधि की जाती है। निगमायुक्त अश्विनी कुमार ने फ्लोर-वाइज लाइसेंस देने की नीति को निर्देशित करने वाले सिद्धांतों को मंजूरी दे दी है।

निगमायुक्त ने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि यदि फैक्टरी भवन के विभिन्न तलों पर औद्योगिक /विनिर्माण प्रक्रिया संचालित की जाती है तो फैक्टरी मालिक को एकल फैक्टरी लाइसेंस लेना जरूरी है। बशर्ते बिल्डिंग के विभिन्न तलों पर संचालित की जा रही उक्त औद्योगिक/विनिर्माण प्रक्रिया एक ही फैक्टरी का अभिन्न अंग हो। यदि किसी फैक्टरी के पास एकल जीएसटी नंबर है और फैक्टरी भवन के विभिन्न तलों पर औद्योगिक/ विनिर्माण प्रक्रिया संचालित की जाती है तो फैक्टरी मालिक को एकल औद्योगिक लाइसेंस लेना आवश्यक है। विभिन्न तलों पर संचालित फैक्टरी/विनिर्माण गतिविधि जीएसटी में घोषित फैक्टरी गतिविधि का अभिन्न अंग होनी चाहिए।

फैक्टरी भवन के विभिन्न तलों पर संचालित फैक्टरी के लिए अलग-अलग जीएसटी नंबर होने की स्थिति में फैक्टरी मालिक को विभिन्न तलों पर संचालित प्रत्येक जीएसटी संबंधित फैक्टरी इकाई/ गतिविधि के संबंध में फैक्टरी लाइसेंस लेना जरूरी होगा। प्रत्येक अपनी-अपनी मंजिलों पर फैक्टरी चला रहा है तो ऐसे प्रत्येक मालिक को विभिन्न तलों पर संचालित प्रत्येक फैक्टरी के लिए फैक्टरी लाइसेंस लेना आवश्यक होगा।

यह दिशा-निर्देश स्वीकृत भवन योजना, एकीकृत भवन उप-नियम 2016 के खंड 7.23, अग्नि सुरक्षा नियम, एमपीडी 2021 में अधिसूचित विकास नियंत्रण मानदंड, डीपीसीसी की सहमति और आदेश और समय-समय पर लागू अन्य लागू कानूनों के सख्त अनुपालन के अधीन होंगे।

पुन:स्थापित औद्योगिक भूखंडों के वास्तविक उपयोगकर्ता/किराएदार को फैक्टरी लाइसेंस

पुनर्वास औद्योगिक भूखंडों पर सब-लेट या किराएदार आधार पर या जीपीए के माध्यम से फैक्टरी के अधिवासी को फैक्टरी लाइसेंस नहीं दिया जाता था, क्योंकि पुनर्वास योजना के तहत औद्योगिक भूखंडों के स्थायी पट्टे में डीएसआईआईडीसी/लीज निष्पादन प्राधिकरण की सहमति के बिना नरेला, बवाना, नरेला, बादली आदि जैसे औद्योगिक एस्टेट में भूखंड की बिक्री, हस्तांतरण, असाइनमेंट या कब्जे से अलग होने की अनुमति नहीं थी।

डीएमसी अधिनियम की धारा 416/417 के अंतर्गत एमसीडी ने ऐसे फैक्टरी संचालकों को फैक्टरी लाइसेंस देने का फैसला किया है, बशर्ते वे डीपीसीसी द्वारा संचालन की सहमति और दिल्ली अग्निशमन सेवा द्वारा अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र के माध्यम से पर्यावरण/सुरक्षा संबंधी मानदंडों को पूरा करें। डीएसआईआईडीसी/ लीज निष्पादन प्राधिकरण या डीपीसीसी द्वारा फैक्टरी बंद किए जाने की स्थिति में फैक्टरी लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

इसके अलावा पुनर्वासित औद्योगिक भूखंडों में फैक्टरी संचालकों को एक हलफनामा देना होगा कि जिस पुराने स्थान से स्थानांतरण किया गया था, वहां कोई उद्योग संचालित नहीं हो रहा है। मान्यता प्राप्त अनुमोदित औद्योगिक क्षेत्र में चल रही फैक्टरी को लाइसेंस दिए जाने से 25 हजार से अधिक फैक्टरी मालिकों को बैंकों से वित्त प्राप्त करने और सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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