पटाखों पर कैफियत पूछी SC ने, दिल्ली सरकार व पुलिस से पूछा, बैन के लिए क्या किया
दिवाली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के स्तर में जबरदस्त वृद्धि का संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त से यह जानना चाहा कि शहर में पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए गए।
सुप्रीम कोर्ट |
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने अखबार में प्रकाशित उन खबरों का हवाला दिया, जिनमें पटाखों पर प्रतिबंध से जुड़े अदालती आदेशों के उल्लंघन का जिक्र किया गया है।
पीठ ने दिल्ली सरकार और पुलिस आयुक्त से यह बताने को कहा कि पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए गए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
पीठ ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि दिल्ली में पटाखों की बिक्री, निर्माण और फोड़ने पर प्रतिबंध संबंधी सभी आदेश रिकॉर्ड पर रखे जाएं। हम दिल्ली पुलिस आयुक्त को भी नोटिस जारी कर यह बताने को कह रहे हैं कि पुलिस ने उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की और वह अदालती आदेशों को लागू करने के लिए क्या कदम उठा रही है।’
शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त को अपने जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया।
‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट’ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट है कि 2024 में दिवाली 2022 और 2023 के मुकाबले अधिक गर्म थी।
पीठ ने पंजाब और हरियाणा की सरकारों को अक्टूबर के अंतिम 10 दिनों में खेतों में आग और पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि पर 14 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा, ‘दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उनके परिसरों को सील करने सख्त कार्रवाई किए जाने की जरूरत है।’
2025 में दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध से जुड़े अदालती आदेशों का उल्लंघन न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए वह ‘कुछ कदम उठाएगी।’
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