चीनी नागरिकों की सुरक्षा में नाकामी, पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल

Last Updated 15 Oct 2024 03:42:19 PM IST

चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग इस समय पाकिस्तान में है। यह 11 वर्षों में किसी चीनी प्रधानमंत्री की पाकिस्तान की पहली यात्रा है। ली कियांग मंगलवार से शुरू हो रही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शासनाध्यक्षों की 23वीं बैठक में भाग लेने के लिए यहां आए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने देश में अपने नागरिकों की सुरक्षा पर बीजिंग की गंभीर चिंताओं को इस्लामाबाद से साझा किया है।


हाल ही में पाकिस्तान में कराची एयरपोर्ट के पास एक काफिले को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती बम विस्फोट में दो चीनी नागरिकों की जान चली गई।

हमले में काफिले को सुरक्षा प्रदान करने वाले कई पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए। इस घटना के बाद पाकिस्तान में चीनी नागिरकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली जो पहले भी चीनी नागरिकों को निशाना बना चुका है।

पर्याप्त सैन्य और खुफिया संसाधनों के बावजूद, पाकिस्तानी सेना और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) लगातार ऐसे हमलों को रोकने में नाकाम रहे हैं।

चीनी नागरिकों को लगातार निशाना बनाए जाने से पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की सुरक्षा सुनिश्चित करने की क्षमता सवालों के घेरे में है।

चीनी नागरिकों के खिलाफ चल रही हिंसा पाकिस्तान की आर्थिक संभावनाओं के लिए बड़ा खतरा हो सकती है, खासकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के संबंध में। ये घटनाएं निवेशकों के बीच अपनी पूंजी की सुरक्षा के बारे में चिंता पैदा करती है, जो अंततः उस आर्थिक लक्ष्य को खतरे में डालती है जिसे सरकार हासिल करना चाहती है।

इस मामले में चीन की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होगी। पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण आर्थिक खिलाड़ी के रूप में, बीजिंग की मौजूदगी अहम है। पाकिस्तान सरकार पर चीन का बढ़ता दबाव इस्लामाबादा को सैन्य प्राथमिकताओं पर फिर से सोचने के लिए मजबूर कर सकता है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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