Excise policy case: सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को झटका, जानिए क्यों खारिज हुई याचिका

Last Updated 24 Jun 2024 12:52:05 PM IST

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को कथित शराब नीति (Excise policy case) से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उनकी याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है।


सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पहले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करो।

सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्रायल कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह फैसला अभूतपूर्व करार था।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट ने पहले स्टे दे दिया और फिर बाद में सुनवाई हुई। सिंघवी की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आदेश एक या दो दिन में आ जाएगा।
इस पर सिंघवी ने सवाल उठाते बोला कि क्या बेल को सूचीबद्ध करते समय ही स्टे किया जा सकता है। इस पर ईडी की तरफ से पेश हुए ASG SV Raju ने भी कहा कि फैसला कल तक आ जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में सिंघवी ने कहा कि सुबह साढ़े दस बजे दिल्ली हाई कोर्ट ने बिना किसी कारण स्टे लगा दिया और बाद में दलीलें सुनीं गईं।

उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि जमानत मिल जाने के बाद इसे इतनी आसानी से पलटा नहीं जा सकता है।

केजरीवाल के एक अन्य वकील विक्रम चौधरी ने अदालत से कहा कि उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और देश छोड़कर भागने का जोखिम भी नहीं है, जबकि इस मामले की जांच 2022 से चल रही है और गिरफ्तारी की वैधता को इस अदालत में चुनौती दी जा चुकी है।

केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम स्टे लगाते हुए फैसले को सुरक्षित रखे जाने के हाईकोर्ट के फैसले को लेकर उच्चतम न्यायालय ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, स्टे के मामलों में फैसले सुरक्षित नहीं रखे जाते हैं, बल्कि तभी सुना दिया जाता है। यहां जो हुआ है वह अनोखा है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वह भी वही गलती नहीं करेगी जो अंतरिम स्टे देते हुए हाई कोर्ट ने की है।

आपको बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को राहत देते हुए नियमित जमानत दे दी थी। उस समय पीठ ने कहा था कि ईडी के पास केजरीवाल के खिलाफ कोई सीधे तौर पर सबूत नहीं हैं और फिर अदालत ने केजरीवाल को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी।

कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी को पक्षपाती बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री को जमानत का आदेश पारित किया था।

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से ट्रायल कोर्ट के आदेश को रोक लगाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

केजरीवाल के वकीलों ने आज सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की थी।

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 जून को एक अंतरिम आदेश में प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो की रिहाई पर रोक लगा दी थी, इसमें निचली अदालत के जमानत आदेश को चुनौती दी गई थी।

सीएम केजरीवाल की रिहाई पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर कुमार जैन और रविंदर डुडेजा की अवकाश पीठ ने निर्देश दिया कि मामले की पूरी सुनवाई होने तक जमानत आदेश लागू नहीं किया जाना चाहिए। उसी दिन बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। साथ ही कहा था कि वह दो से तीन दिनों में अपना आदेश सुनाएगा।

ईडी ने गुरुवार को ट्रायल कोर्ट से अनुरोध किया था कि आदेश की घोषणा के बाद जमानत बॉन्ड पर हस्ताक्षर करने में 48 घंटे की मोहलत दी जाए, लेकिन, ट्रायल कोर्ट ने जमानत देने के अपने आदेश पर रोक लगाने की ईडी की याचिका को खारिज कर दिया था।

सुरेन्द्र देशवाल
नई दिल्ली


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