नौकरियों में उछाल, अप्रैल में EPFO के रिकॉर्ड 18.92 लाख नए सदस्य
देश में नौकरियों में उछाल का संकेत मिल रहा है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने इस साल अप्रैल में 18.92 लाख नए सदस्य जोड़े।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) |
ईपीएफओ के अस्थायी पेरोल डेटा से पता चलता है कि इस साल मार्च के आंकड़े की तुलना में अप्रैैल में 31.29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पिछले साल के अप्रैल के मुकाबले इस साल अप्रैल में ईपीएफओ के सदस्यों की संख्या में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मंत्रालय ने कहा, सदस्यता में यह उछाल रोजगार के बढ़ते अवसरों, कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता और ईपीएफओ के आउटरीच कार्यक्रमों की प्रभावशीलता के कारण है।
डेटा से पता चलता है कि अप्रैल के दौरान लगभग 8.87 लाख नए सदस्यों ने संगठन में नामांकन कराया है।
डेटा का एक उल्लेखनीय पहलू है कि इसमें 18-25 आयु वर्ग का प्रभुत्व है। ये कुल सदस्यों का 55.5 प्रतिशत है।
यह संगठित कार्यबल में शामिल होने के लिए युवाओं के रुझान को दर्शाता है।
पेरोल डेटा के अनुसार, लगभग 14.53 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकल गए और बाद में फिर इसमें शामिल हो गए।
यह आंकड़ा इस साल मार्च की तुलना में 23.15 प्रतिशत अधिक है।
इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने संचय को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना।
पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण से पता चलता है कि 8.87 लाख नए सदस्यों में से लगभग 2.49 लाख नई महिला सदस्य हैं।
अप्रैल में लगभग 3.91 लाख महिलाएं ईपीएफओ से जुड़ीं। यह मार्च की तुलना में लगभग 35.06 प्रतिशत अधिक है।
पेरोल डेटा का राज्य-वार विश्लेषण दर्शाता है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और हरियाणा में नए सदस्य अधिक जुड़े।
नए जुड़ने वाले सदस्यों में से इन राज्यों का लगभग 58.3 प्रतिशत हिस्सा है। इन राज्यों से 11.03 नए सदस्य जुड़े।
देश में महाराष्ट्र 20.42 प्रतिशत नए सदस्य जोड़कर सबसे आगे है।
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