भारत को ईरान के चाबहार बंदरगाह के संचालन की जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत को ईरान के चाबहार बंदरगाह के संचालन की जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर |
पत्रकारों से बात करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि इस संबंध में बातचीत करने और समझौता करने के लिए जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल तेहरान की यात्रा पर हैं।
उन्होंने कहा,"इस समझौते से निवेश व मध्य एशियाई देशों से और अधिक संपर्क का रास्ता साफ हो जाएगा।"
गौरतलब है कि ईरान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे जमीन से घिरे देशों तक माल पहुंचाने के लिए भारत चाबहार बंदरगाह पर एक टर्मिनल विकसित कर रहा है। ईरान के साथ नया समझौता पाकिस्तान के कराची और ग्वादर बंदरगाहों को दरकिनार कर ईरान के रास्ते दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के बीच एक नया व्यापारिक मार्ग खोलेगा।
चाबहार बंदरगाह को अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) से जोड़ने की योजना है। यह भारत को ईरान के माध्यम से रूस से जोड़ेगा। इससे भारत की पहुंच मध्य एशियाई क्षेत्र तक हो जाएगी।
यह फारस की भीड़भाड़ वाली खाड़ी और होर्मुज जलडमरूमध्य के समुद्री मार्गों को दरकिनार कर एक वैकल्पिक मार्ग होगा।
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