आम तौर पर जारी नहीं किये जा सकते गैर-जमानती वारंट : सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 02 May 2024 04:48:42 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक हालिया फैसले में कहा है कि गैर-जमानती वारंट आम तौर पर जारी नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि आरोपी पर कोई संगीन आपराधिक आरोप न हो और उसके कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका न हो।


सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि हालांकि गैर-जमानती वारंट जारी करने के बारे में कोई विस्तृत दिशा-निर्देश नहीं है, शीर्ष अदालत ने कई मौकों पर टिप्पणी की है कि गैर-जमानती वारंट तब तक जारी नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि आरोपी पर कोई संगीन आपराधिक आरोप न हो और उसके कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ अथवा उसे नष्ट करने की आशंका न हो। खंडपीठ में न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत ने समन के आदेश को रद्द करते हुए कहा, "इस संबंध में कानून में स्थिति स्पष्ट है कि गैर-जमानती वारंट आम तौर पर जारी नहीं किया जाना चाहिए और किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता को तब तक प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि समाज और राष्ट्र के व्यापक हित में ऐसा करना जरूरी न हो।"

लखनऊ के विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 2021 में मैनेजर सिंह के खिलाफ यह कहते हुए गैर-जमानती वारंट जारी किया था कि जमानत से पहले निजी रूप से अदालत के समक्ष उपस्थित होने से छूट का कोई प्रावधान नहीं है। एक अन्य आदेश में कहा गया था कि चूंकि जमानती वारंट जारी करने के बाद भी आरोपी उपस्थित नहीं हुआ, इसलिए निजी रूप से उसकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किया जाता है।

शीर्ष अदालत ने कहा, "यह टिप्पणी कि जमानत से पहले निजी रूप से अदालत के समक्ष उपस्थित होने से छूट का कोई प्रावधान नहीं है, सही नहीं है। (दंड प्रक्रिया) संहिता की निजी पेशी से छूट की शक्ति की व्याख्या इस तरह से नहीं की जानी चाहिए कि यह आरोपी को जमानत मिलने के बाद ही लागू हो सकता है। मेनका संजय गांधी और अन्य बनाम रानी जेठमलानी के मामले में इस अदालत ने कहा था कि जब तथ्य तथा परिस्थितियों के मद्देनजर इस तरह की छूट की जरूरत हो तो निजी पेशी से छूट की शक्ति का उदारतापूर्वक इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से उसके आदेश में की गई टिप्पणी के सिलसिले में पूरे मामले पर पुनर्विचार करने और कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए कहा। उसने ट्रायल कोर्ट द्वारा तय शर्तों पर आरोपी मैनेजर सिंह को जमानत पर रिहा करने का भी आदेश दिया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment