भारतीय सेना के कर्नल व भाई पर धोखाधड़ी का आरोप

Last Updated 21 Dec 2023 12:18:54 PM IST

भारतीय सेना (Indian Army) के एक कर्नल और उनके भाई पर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कुल्लू जिले में आवासीय फ्लैट बनाने का काम संभालने वाली एक निजी निर्माण कंपनी से धोखाधड़ी करने का आरोप है।


कड़कड़डूमा कोर्ट

आरोप दिल्ली पुलिस द्वारा दायर किए गए हैं और आरोप पत्र हाल ही में कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) में पेश किया गया था।

आरोप पत्र के मुताबिक आरोप लगाया गया है कि आरोपी भाइयों, कर्नल वेदव्रत वैद्य और भरत वैद्य ने सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के माध्यम से निर्माण कंपनी को धोखा दिया, इससे उन लोगों को नुकसान हुआ, जिन्होंने परियोजना में पैसा निवेश किया है।

अदालत ने 21 नवंबर को आरोप पत्र को स्वीकार कर लिया और अगली सुनवाई की तारीख 9 जनवरी, 2024 तय की।

मामले की शुरुआत तब हुई जब पेसिफिक कंस्ट्रक्शन एंड मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक विकास मदान ने कुल्लू में भरत के स्वामित्व वाली भूमि पर 196 फ्लैटों के निर्माण के लिए भरत वैद्य के साथ एक समझौता किया।

हालांकि, मदान का दावा है कि ज़मीन भरत की होने के बावजूद, सभी सौदे उनके बड़े भाई कर्नल वेदव्रत वैद्य द्वारा संचालित किए गए थे।

एक साल बाद, भरत वैद्य ने एक अपरिवर्तनीय सहयोग समझौते में प्रवेश किया और प्रशांत निर्माण और प्रबंधन के पक्ष में एक जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी निष्पादित की। 2013 में, चार साल बाद, आरोपी ने पावर ऑफ अटॉर्नी रद्द कर दी।

जवाब में, विकास मदान ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने स्थगन आदेश जारी किया। इसके बाद, मदान ने दिल्ली के लक्ष्मी नगर पुलिस स्टेशन में वैद्य बंधुओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, इससे पुलिस जांच शुरू हो गई।

समझौते के शुरुआती प्रयासों के बावजूद, परियोजना रुकी रही, इसके कारण लंबी कानूनी लड़ाई चली।

बाद में वैद्य बंधुओं ने दिल्ली उच्च न्यायालय के माध्यम से एफआईआर को रद्द करने की मांग की। इसने दिल्ली पुलिस को आरोप पत्र में तेजी लाने का निर्देश दिया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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