Finance Minister ने सामुद्रिकी क्षेत्र के लिए मध्यस्थता केंद्र की वकालत की

Last Updated 19 Oct 2023 04:15:20 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को सामुद्रिकी क्षेत्र के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने की वकालत की।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और दबावों से सुरक्षा मिलेगी।

उन्होंने मुंबई में वैश्विक सामुद्रिकी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह देश के शिपिंग परिचालन में अधिक लचीलापन भी सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने कहा कि हालांकि लंदन या सिंगापुर या दुबई में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्रों में कई भारतीय काम कर रहे हैं, लेकिन वे सभी वहां अधीनस्थ भूमिकाओं में हैं।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि इस परिदृश्य को बदला जा सकता है। उन्होंने एक मध्यस्थता केंद्र की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, "इसे हासिल करने के लिए देश के मध्यस्थता कानून वैश्विक मानकों के अनुरूप होने चाहिए।"

सामुद्रिकी क्षेत्र में वित्तपोषण में सुधार की आवश्यकता के बारे में उन्होंने स्वीकार किया कि एक मजबूत बैलेंस शीट होने के बावजूद अधिक जोखिमों के कारण बैंक इस क्षेत्र को वित्त पोषित करने के लिए बहुत उत्सुक नहीं हैं।

सीतारमण ने कहा कि वह इस क्षेत्र में अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ बातचीत कर रही हैं। उन्‍होंने कहा, "मैं यह भी चाहती हूं कि निजी क्षेत्र के ऋणदाता शिपिंग और समुद्री क्षेत्रों को अधिक सक्रिय रूप से देखें।"

इस बीच, उन्होंने कहा कि भारतीय बंदरगाहों पर टर्नअराउंड समय अन्य देशों के बंदरगाहों की तुलना में कहीं बेहतर है।

सीतारमण ने कहा, "विश्व बैंक की 2023 की लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बंदरगाहों का टर्नअराउंड समय अब 0.9 दिन है जो सिंगापुर के 1.0 दिन, यूएई के 1.1 दिन, जर्मनी के 1.3 दिन, अमेरिका के 1.5 दिन, ऑस्ट्रेलिया के 1.7 दिन, रूस के 1.8 दिन और दक्षिण अफ्रीका के 2.8 दिन से बेहतर है। विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में भारत की समग्र रैंक भी 2014 के 54 से सुधरकर 2023 में 38 हो गई है।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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