राष्ट्रीय राजधानी में किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने धान के खेतों में जैव अपघटक (बायो-डीकंपोजर) के छिड़काव को लेकर शुक्रवार को एक अभियान शुरू किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
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किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार राजधानी में 2020 से पूसा जैव अपघटक का इस्तेमाल कर रही है। यह जैव अपघटक एक माइक्रोबियल द्रव्य है, जो धान के अवशेषों को 15-20 दिनों में विघटित कर देता है।
अक्टूबर-नवंबर में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी के पीछे पराली जलाने के लिए खेतों में लगाई गई आग एक प्रमुख कारण होता है।
राय ने कहा कि सरकार ने पिछले साल 4,400 एकड़ धान के खेतों में जैव अपघटक का छिड़काव किया था और इस सीजन में 5,000 एकड़ भूमि को कवर किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि पंजाब में पराली बड़े पैमाने पर जलाई जाती है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि कृषि प्रधान राज्य में आप सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से खेतों में आग लगाने की घटनाओं में कमी आएगी।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में खेतों में जलाई गई पराली की अधिकतम हिस्सेदारी पिछले साल तीन नवंबर को 34 प्रतिशत और सात नवंबर 2021 को 48 प्रतिशत थी।