जी-20 अध्यक्षता के तहत भारत के लिए प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में क्षेत्रीय विभाजन को कम करना : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि जी-20 की अध्यक्षता के दौरान क्षेत्रीय विभाजन को कम करना भारत के लिए प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है। पीएम मोदी ने यहां विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में भारत में नए अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के क्षेत्रीय कार्यालय और इन्वेंशन केंद्र का उद्घाटन करने के बाद यह बात कही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत 6जी विजन डॉक्यूमेंट का भी अनावरण किया और 6जी आर एंड डी टेस्ट बेड का शुभारंभ किया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने 'कॉल बिफोर यू डिग' एप भी लॉन्च किया। आईटीयू सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि आज, जब भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है, हमारी प्राथमिकताओं में से एक क्षेत्रीय विभाजन को कम करना है। आईटीयू क्षेत्र कार्यालय और इनोवेशन सेंटर भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
भारत के लिए, दूरसंचार प्रौद्योगिकी केवल शक्ति का साधन नहीं है बल्कि सशक्त बनाने का एक मिशन है। पीएम ने सभा को सूचित किया कि भारत ने 120 दिनों के भीतर 125 से अधिक शहरों में 5जी कनेक्शन शुरू किए और इसी तरह भारत आने वाले वर्षों में 100 5जी लैब स्थापित करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा, 5जी के छह महीने के भीतर, हम पहले से ही 6जी तकनीक के बारे में बात कर रहे हैं। यह भारत के भरोसे को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत में हर महीने 800 करोड़ रुपये से अधिक यूपीआई-आधारित डिजिटल भुगतान किए जाते हैं और हर दिन सात करोड़ से अधिक ई-प्रमाणीकरण होते हैं।
उन्होंने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से 28 लाख करोड़ रुपये से अधिक सीधे नागरिकों के बैंक खातों में स्थानांतरित किए जाते हैं। पीएम ने आगे कहा कि भारत भविष्य की तकनीकों के मानकीकरण के लिए आईटीयू के साथ मिलकर काम करेगा।
मोदी ने रेखांकित किया कि नया भारतीय आईटीयू क्षेत्र कार्यालय 6जी के लिए सही माहौल बनाने में भी मदद करेगा। पीएम ने ऐलान किया कि आईटीयू की विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा अगले साल अक्टूबर में दिल्ली में आयोजित की जाएगी जहां दुनिया भर के प्रतिनिधि भारत आएंगे।
भारत ने क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना के लिए आईटीयू के साथ मार्च 2022 में एक मेजबान देश समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, अफगानिस्तान और ईरान की सेवा करेगा, राष्ट्रों के बीच समन्वय बढ़ाएगा और क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देगा।
आईटीयू के महासचिव डोरेन-बोगदान मार्टिन ने भारत में नए आईटीयू कार्यालय और नवाचार केंद्र को विकसित करने में मदद करने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया, जो भारत और आईटीयू के लंबे इतिहास में एक नया अध्याय चिह्न्ति करता है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस क्षेत्र में आईटीयू की उपस्थिति उन्नत प्रौद्योगिकियों की शुरुआत, क्षमता विकास में सुधार और उद्यमशीलता और साझेदारी को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
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