दिल्ली विश्वविद्यालय में संसदीय समिति की रिपोर्ट नहीं हुई लागू : शिक्षक संगठन
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठनों का कहना है कि विश्वविद्यालय में आरक्षण व रोस्टर को लेकर संसदीय समिति की रिपोर्ट आज तक लागू नहीं हुई है। शिक्षकों के मुताबिक संसदीय समिति ने दिल्ली विश्वविद्यालय में 4500 पदों का बैकलॉग पाया था लेकिन इस संबंध में विश्वविद्यालय को भेजा गया सकरुलर धूल चाट रहा है।
दिल्ली विश्वविद्यालय |
दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर्स फोरम ने अब प्रशासन से बैकलॉग पदों को एक समय सीमा में भरे जाने की मांग की है। संसदीय समिति ने दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों का 4500 पदों का बैकलॉग पाया और रोस्टर को लेकर अनेक विसंगतियां पाई थी। इसके अतिरिक्त तीन कॉलेजों में रोस्टर को डीओपीटी के नियमानुसार लागू नहीं किया गया था। संसदीय समिति द्वारा भेजा गया सकरुलर पिछले छह साल से विश्वविद्यालय प्रशासन की फाइलों में कैद है उस पर धूल जम गई है लेकिन कार्यवाही आज तक नहीं हुई है इसको लेकर डीयू में सामाजिक न्याय के सवालों को उठाने वाला शिक्षक संगठन 'फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस' ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए संसदीय समिति में विशेष याचिका दायर कर 22 दिसम्बर 2016 के संसदीय समिति द्वारा डीयू को भेजे गए सर्कुलर को लागू करने की मांग दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश कुमार सिंह से की है ।
फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि संसदीय समिति ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर को भेजे गए सर्कुलर में लिखा है कि कॉलेज आरक्षण नीति को सही ढंग से नही अपना रहे हैं और रोस्टर प्रणाली के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, यूजीसी को आरक्षण लागू करने के नोडल अधिकारी होने के नाते उनका अनुदान बंद कर देना चाहिए।
संसदीय समिति ने डीयू के पूर्व वाइस चांसलर को भेजे गए इस सर्कुलर में लिखा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में 4500 पदों का बैकलॉग है, कॉलेजों के रोस्टरों में अनेक विसंगतियां है। साथ ही लायजन ऑफिसर अपने कार्यो में स्वतंत्र नही है। रोस्टर में कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ( डीओपीटी ) के दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है ।
उन्होंने बताया है कि संसदीय समिति ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के आर्य भट्ट कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, कॉलेज ऑफ वोकेशनल के द्वारा बनाए गए रोस्टर रजिस्टर में गड़बड़ियां पाई थीं और कहा है कि डीओपीटी द्वारा स्थापित करना चाहिए और विसंगति मिलने पर सूचित किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया है कि अभी भी कुछ कॉलेजों के रोस्टर में गड़बड़ी है जो पद पहले आरक्षित वर्गो के थे उन्हें अब रोस्टर में सामान्य बना दिया गया है जिसको लेकर एडहॉक टीचर्स में रोष व्याप्त है ।
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