फरीदाबाद में तोड़े जाएंगे वन क्षेत्र में बने दस हजार मकान
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हरियाणा और फरीदाबाद नगर निगम को एक गांव के निकट अरावली वन से ‘सभी अतिक्रमण’, जिनमें करीब 10 हजार रिहायशी निर्माण शामिल हैं, को हटाने के निर्देश दिए
सुप्रीम कोर्ट |
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि भूमि हथियाने वाले कानून के शासन का सहारा लेकर ‘निष्पक्षता’ की बात नहीं कर सकते।
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायामूर्ति दिनेश माहेरी की अवकाश पीठ ने राज्य सरकार के अधिकारियों को फरीदाबाद जिले के लकड़पुर खोरी गांव के निकट वनभूमि से सभी अतिक्रमण छह माह के भीतर हटाने और अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, हमारे विचार से याचिकाकर्ता पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के निर्देशों से बंधा है.। साथ ही पीठ ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार को पुनर्वास संबंधी याचिका पर स्वतंत्र रूप से विचार करना चाहिए। पीठ ने अतिक्रमण के कथित पांच आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, इसलिए हम राज्य और फरीदाबाद नगर निगम को दिए गए निर्देशों को दोहराते हैं और उम्मीद करते हैं कि निगम वन भूमि से सभी अतिक्रमण छह सप्ताह के भीतर हटा कर अनुपालन रिपोर्ट पेश करेगा.। वीडियो कॉन्फ्रेंस की जरिए हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि फरीदाबाद के पुलिस उपायुक्त की अतिक्रमण हटाने के काम में लगे निगम अधिकारियों को पुलिस सुरक्षा देने जिम्मेदारी है।
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