राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर केंद्र सरकार ने लगाई रोक: दिल्ली सरकार

Last Updated 05 Jun 2021 07:28:07 PM IST

दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को केंद्र सरकार ने शुरू होने से पहले ही रोक दिया है। दिल्ली के 72 लाख से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित करने वाली इस योजना में एक बार फिर रुकावट आ गई है।


दिल्ली के खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि केंद्र सरकार के सभी सुझावों को स्वीकृति के बाद दिल्ली सरकार ने 24 मई 2021 को एलजी को अंतिम स्वीकृति और योजना के तत्काल लागू के लिए फाइल भेजी थी, लेकिन एलजी ने यह कहते हुए फाइल वापस कर दी कि यह योजना दिल्ली में लागू नहीं की जा सकती।

इमरान हुसैन ने कहा कि 2018 से, दिल्ली सरकार ने केंद्र को कम से कम छह पत्र लिखकर योजना के बारे में जानकारी दी थी। केंद्र ने दिल्ली सरकार की क्रांतिकारी योजना पर कभी आपत्ति नहीं की थी। कहा गया था कि 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' नाम का उपयोग नहीं किया जा सकता है, क्योंकि मौजूदा एनएफएस अधिनियम के तहत राशन वितरित किया जा रहा था।

किसी भी विवाद को रोकने के लिए दिल्ली कैबिनेट ने योजना से 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' नाम को हटाने और मौजूदा एनएफएस अधिनियम, 2013 के हिस्से के रूप में राशन की डोरस्टेप डिलीवरी को लागू करने का निर्णय पारित किया है। केंद्र सरकार द्वारा की गई सभी आत्तियों के समाधान के बाद, संशोधित योजना को दिल्ली में जल्द ही शुरू किया जाना था।

दिल्ली के खाद्य मंत्री ने कहा कि योजना को खारिज करते हुए एलजी ने दो कारण बताए हैं कि इस योजना को केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है और यह कि योजना के खिलाफ कोर्ट में एक मामला चल रहा है।

इन दोनों बिंदुओं की वैधता को खारिज करते हुए दिल्ली के खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने कहा, "मौजूदा कानून के अनुसार ऐसी योजना शुरू करने के लिए किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है। फिर भी हमने केंद्र को 2018 से अब तक 6 पत्र लिखकर इस योजना के बारे में हर स्तर पर अवगत कराया है। इसके अलावा, 19 फरवरी 2021 को केंद्र से प्राप्त अंतिम पत्र के आधार पर, योजना के नाम के बारे में उनकी आपत्तियों को भी दिल्ली मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया है। इसके आगे और क्या मंजूरी चाहिए।"

एलजी द्वारा उठाए गए कोर्ट केस के तर्क को खारिज करते हुए इमरान हुसैन ने कहा, "अदालत में चल रहे मामले के कारण इस क्रांतिकारी योजना के लागू होने से रोकना समझ से परे है। इस मामले पर पहले ही दो सुनवाई हो चुकी हैं और कोर्ट द्वारा कोई स्टे आदेश नहीं दिया गया है।"
 

आईएएनएस
नयी दिल्ली


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