गंगा राम अस्पताल में व्हाइट फंगस से पीड़ित मरीज की सफल सर्जरी

Last Updated 27 May 2021 11:23:02 AM IST

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में 49 वर्षीय महिला के आंतों में व्हाइट फंगस का पहला मामला सामने आया है। अस्पताल के डॉक्टर चार घंटे तक मुकिल सर्जरी के जरिये मरीज का सफलतापूर्वक सर्जरी करने में कामयाब रहे।


सांकेतिक फोटो

कोविड के बाद मरीज की खाने की नली, छोटी आंत एवं बड़ी आंत में व्हाइट फंगस की वजह से छेद होने का विश्वभर का पहला मामला सामने आया है। अभी तक व्हाइट फंगस द्वारा शरीर के अंदर तीन मुख्य भागों में कोरोना के बाद व्हाइट फंगस का मामला कहीं भी सामने नहीं आया हैं। किसी भी मेडिकल लिटरेचर में भई इसकी चर्चा नहीं की गई है।

डॉक्टरों के मुताबिक, इसका कारण शायद मरीज की तीन अवस्थाएं थी, जिससे उसके शरीर का बीमारी से लड़ने की क्षमता बहुत कम हो गयी थी। इनमें कैंसर के इलाज की वजह से हाल ही में दी गई कीमोथेरेपी एवं कोविड इन्फेक्शन शामिल है।

दरअसल 49 साल की महिला 13 मई को सर गंगा राम अस्पताल के इमरजेंसी में लाई गई थी। पेट में दर्द और उल्टियों के साथ कब्ज से महिला पीड़ित थी। कुछ समय पहले महिला का कैंसर की वजह से एक वक्ष हटाया गया था और चार हफ्ते पहले उनकी कीमोथेरेपी खत्म हुई थी।

अस्पताल में भर्ती होने के दौरान महिला शॉक में थी एवं सांस लेने में उसे काफी कठिनाई हुई। अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा जब महिला मरीज का सी टी स्कैन हुआ तो मरीज के पेट में हवा एवं तरल द्रव्य का आभास हुआ, जोकि आंतो में छेद की निशानी है।

सर गंगा राम अस्पताल के डॉ. (प्रो.) अनिल अरोड़ा, चेयरमैन, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पैन्क्रियाटिकोबिलरी साइंसेज के अनुसार, मरीज की हालत काफी नाजुक थी। हमने तुरन्त उसके पेट में पाइप डालकर करीब एक लीटर पस एवं बाइल द्रव्य निकला।
स्टेरॉयइड के इस्तेमाल के बाद ब्लैक फंगस के द्वारा आंत में छेद होने के कुछ मामले हाल ही में सामने आए है। लेकिन व्हाइट फंगस ने कोविड-19 इन्फेक्शन के बाद खाने की नली, छोटी आंत एवं बड़ी आंत में छेद करने का मामला यह विश्वभर में पहला है।

सर गंगा राम अस्पताल के डॉ. (प्रो.) समीरन नंदी, एडवाइजर, डिपार्टमेंट ऑफ सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड लीवर ट्रांसप्लांटेशन के अनुसार, '' महिला मरीज की चार घण्टे चली मुश्किल सर्जरी में हमने महिला की फूड पाइप, छोटी आंत एवं बड़ी आंत में हुए छेदो को बंद कर दिया एवं द्रव्य लीक को रोका। छोटी आंत में हुए गैंगरीन को भी काटकर निकाल दिया गया है, वहीं आंत के एक टुकड़े को बायोप्सी के लिए भेजा है। ''

डॉ. अरोड़ा ने बताया कि, आंत से निकाले गए टुकड़ो की बायोप्सी से हमें पता चला कि आंतो में व्हाइट फंगस है जिसने आंतो के अंदर खतरनाक फोड़ेनुमा घाव कर दिए थे जिसकी वजह से मरीज के खाने की पाइप से लेकर छोटी आंत एवं बड़ी आंत में छेद हो गए।

मरीज की कोविड-19 एंटीबॉडी लेवल भी बढे हुए थे। खून की जाँच करने पर शरीर के अंदर व्हाइट फंगस बढ़ा हुआ मिला। शीघ्र ही मरीज को ऐंटीफंगल ट्रीटमेंट पर शरू कर दिया गया जिससे उसकी हालत में काफी सुधार हुआ है।

डॉक्टरों का मानना है कि व्हाइट फंगस जो कि सामान्यत: इतनी हानि नहीं पहुंचाता है लेकिन महिला में कैंसर, हाल ही में दी गई कीमोथेरेपी एवं कोविड-19 इन्फेक्शन होने के वाइट फंगस ने हानिकारक रूप से मरीज के शरीर के अंदर इतना नुक्सान पहुंचाया। फिलहाल इस वक्त मरीज सर्जरी के बाद ठीक है और कुछ दिनों के बाद उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी जाएगी।
 

आईएएनएस
नयी दिल्ली


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