दिल्ली : मध्याह्न भोजन योजना में छात्रों को सूखा राशन देगी सरकार
दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले करीब आठ लाख बच्चों को मिड-डे-मील योजना के तहत सूखा राशन देगी। जब तक स्कूल फिर से नहीं खुल जाते हैं, तब तक यह योजना जारी रहेगी।
मंगलवार को सूखे राशन की किट बांटते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया। फोटो : एसएनबी |
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंडावली स्थित एसकेवी नम्बर-3 स्कूल में बच्चों को सूखे राशन का किट बांट कर इसकी शुरुआत की।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में आज भी वही शिक्षक और बच्चे हैं, लेकिन माहौल बदल गया है। अब हमारे बच्चों के आईआईटी और मेडिकल में एडमिशन हो रहे हैं। कोरोना काल में भी हमारे स्कूलों के 94 प्रतिशत बच्चे अभी भी ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं। उन्होंने कि आज हम लोग यहां पर बच्चों के मिड-डे-मील के ड्राई राशन वितरित करने का कार्यक्रम शुरू करने के लिए एकत्र हुए हैं। पिछले नौ महीने बहुत मुश्किल से गुजरे और अब यह मुश्किल कब खत्म होगी इसकी उम्मीद दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही।
दुनिया भर में कह रहे हैं कि वैक्सीन तो आ गई है। हमारे देश में भी उम्मीद है कि जल्द आ जाएगी। मैं उम्मीद करता हूं कि इस वैक्सीन से समाधान निकल आए, ताकि फिर से जिंदगी पटरी पर आ जाए। जब तक वैक्सीन नहीं आती और चीजें ठीक नहीं होती हैं, तब तक अपने को हर चीज का कुछ न कुछ समाधान निकालना पड़ेगा। पिछले 9 महीने में सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को हुई है। पहले बच्चा ज्यादा कंप्यूटर पर बैठता था, तो मां-बाप कहते थे कि कंप्यूटर छोड़ दे, आंखें खराब हो जाएंगी। अब कहते हैं कि कंप्यूटर के सामने थोड़ी देर पढ़ ले, अब पूरा माहौल ही बदल गया है।
केजरीवाल ने कहा कि हमने पहले कोशिश की कि मिड डे मील का जो पैसा बनता है, वह अभिभावकों के खाते में डाल दिया जाए, ताकि बच्चों को अच्छा भोजन मिलता रहे। फिर कई अभिभावकों ने कहा कि पैसा तो देते हैं, लेकिन कहीं भी खर्च हो जाता है। इसकी जगह अगर सीधे राशन दे दिया जाए, तो अच्छा रहेगा। ऐसे में आज राशन देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। हर बच्चे के मुताबिक जितना राशन बनता है, उतना 6 महीने का राशन हर परिवार को दे दिया जाएगा। बच्चों के पौष्टिक आहार में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आनी चाहिए।
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