मोहर्रम के जुलूस पर पाबंदी, गणेश चतुर्थी पर नहीं लगेंगे पंडाल
कोरोना संक्रमण को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार के दिए गए निर्देशों का अनुपालन करते हुए इस बार दिल्ली में मोहर्रम के दौरान जूलूस व ताजिया निकालने पर पाबंदी रहेगी।
मोहर्रम के जुलूस पर पाबंदी, गणेश चतुर्थी पर नहीं लगेंगे पंडाल |
दिल्ली सरकार के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देश के तहत गणेश चतुर्थी पर्व पर भी भगवान गणेश की सार्वजनिक मूर्ति स्थापना या पंडाल बनाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की तरफ से कोराना संक्रमण के खतरे के मद्देनजर लोगों से सामाजिक दूरी का पालन करते हुए इन पर्वों को अपने घर पर ही मनाने की अपील की गई है। गणेश चतुर्थी 22 अगस्त व मोहर्रम 29 अगस्त को मनाया जाएगा।
केंद्र की गाइडलाइन्स के अनुसार राजधानी में किसी भी रूप में हथियारों का प्रदशर्न नहीं होगा। अवैध हथियार रखने वाले व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डीडीएमए की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, डीडीएमए दिल्ली में कोविड-19 महामारी के फैलने के खतरे से वाकिफ है। दिल्ली सरकार कोविड-19 के फैलने से रोकने के लिए सभी प्रभावी उपाय कर रही है। डीडीएमए ने आगामी त्योहारों के दौरान आयोजित होने वाले समारोहों और कार्यक्रमों को देखते हुए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, जिला मजिस्ट्रेट को भी कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे, ताकि इन जगहों में भीड़ एकत्र न हो सके।
डीडीएमए ने कहा है कि इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी 28 जुलाई 2020 को एक पत्र जारी किया था जिसके तहत दिल्ली सरकार की तरफ से बड़े धार्मिंक समारोहों और अन्य धार्मिंक कार्यक्रमों में भीड़ को रोकने के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होता देखा जा रहा है। लिहाजा, केंद्र सरकार ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़ाई से गाइडलाइन्स का पालन कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है।
डीडीएमए के अधिकारियों व फील्ड अधिकारियों को जारी दिशा-निर्देश
- गणेश चतुर्थी महोत्सव के दौरान, भगवान गणेश की कोई मूर्ति टेंट, पांडाल सार्वजनिक स्थान पर स्थापित नहीं की जाएगी।
- मोहर्रम के दौरान जुलूस/ताजिया के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी और जनता को अपने घरों में इसे मनाने के लिए सलाह दी जाएगी।
- जिला मजिस्ट्रेट और जिला डीसीपी हर ऐसे त्योहार से पहले धार्मिंक व सामुदायिक नेताओं के साथ बैठकें आयोजित करेंगे,
- पर्याप्त पुलिस बल सभी सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में और दिल्ली के एनसीटी में सम्मिलत क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
- सार्वजनिक स्थानों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और संवेदनशील/धार्मिंक स्थानों पर सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएं।
- सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर निर्बाध यातायात सुनिश्चित किया जाए। जरूरी बेरिकेड और पुलिस चेक पोस्ट को खड़ा करके संदिग्ध वाहनों की जांच के लिए व्यवस्था की जाए।
- त्योहार के समय मोटर वाहन अधिनियम का सख्त अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
- बिजली, पानी और स्वच्छता, हाइजेनिक और सैनिटाइजेशन आदि जैसी महत्वपूर्ण सार्वजनिक सुविधाएं प्रदान करने पर पर्याप्त जोर दिया जाना चाहिए।
- किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों को पहले से तैयार किया जाएगा और डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ 24 घंटे ड्यूटी पर रहेंगे।
- धारा 144 जहां भी आवश्यक हो, लगाई जाएगी और पुलिस अधिकारी इसे लागू करना सुनिश्चित करेंगे।
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