MP: भोपाल से पीथमपुर में भेजे गए यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर बवाल, विरोध में दुकानें और बाजार बंद

Last Updated 03 Jan 2025 03:19:35 PM IST

मध्यप्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में 337 टन यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट के नियोजित निपटान के खिलाफ बंद के आह्वान के बीच शुक्रवार को दुकानें और बाजार बंद रहे।


‘पीथमपुर बचाओ समिति’ नामक एक संगठन ने बंद का आह्वान करते हुए दावा किया था कि शहर में कार्बाइड अपशिष्ट का भस्मीकरण स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक होगा।

इंदौर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित पीथमपुर की आबादी करीब 1.75 लाख है और पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में तीन सेक्टरों में करीब 700 कारखाने हैं।

दो और तीन दिसंबर, 1984 की मध्य रात्रि को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस लीक हुई थी, जिससे कम से कम 5,479 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग गंभीर और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।

अधिकारियों ने कार्बाइड कारखाने से 337 टन कचरे को वैज्ञानिक निपटान के लिए पीथमपुर पहुंचाया है। हालांकि इस कदम से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। कचरा बृहस्पतिवार को पीथमपुर में एक भस्मीकरण इकाई में लाया गया।

शुक्रवार को बंद के आह्वान के बीच जिसमें दुकानें और बाजार बंद रहे। प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने आयशर मोटर्स के पास सड़क को अवरुद्ध कर दिया, लेकिन पुलिस ने उन्हें काबू में किया और हल्के लाठीचार्ज के साथ सामान्य यातायात बहाल किया।

बृहस्पतिवार से बस स्टैंड पर भूख हड़ताल पर बैठे संदीप रघुवंशी ने कहा कि पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड कचरे के निपटान के खिलाफ उनके विरोध पर बड़ी संख्या में लोगों ने उनके साथ एकजुटता व्यक्त की है।

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने तीन दिसंबर को उच्चतम न्यायालय सहित अदालती निर्देशों के बावजूद भोपाल में यूनियन कार्बाइड साइट को खाली न करने के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई थी।

यह देखते हुए कि गैस त्रासदी के 40 साल बाद भी अधिकारी “निष्क्रियता की स्थिति” में हैं, मप्र उच्च न्यायालय ने कचरे को हटाने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा तय की है।

उच्च न्यायालय ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उसके निर्देश का पालन नहीं किया गया तो वह अवमानना ​​कार्यवाही करेगी।

इस बीच, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीथमपुर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को “संदेह करने वालों” को संबोधित करते हुए कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कचरे में 60 प्रतिशत मिट्टी और 40 प्रतिशत नेफ्थॉल शामिल है जिसका उपयोग कीटनाशक मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) बनाने के लिए किया जाता है और यह “बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है”।
 

भाषा
धार (मध्यप्रदेश)


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