MP: भोपाल में सहारा परिवार के मुख्य अभिवावक सहाराश्री का जन्मदिन प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया गया

Last Updated 10 Jun 2024 03:29:50 PM IST

सहारा परिवार के मुख्य अभिभावक पूज्यनीय सहाराश्री के 76वें जन्मदिन को आज प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। सहारा प्रमुख का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया जिले में हुआ था।


आज सहारा इंडिया परिवार नम आँखों से भारत माँ के सच्चे सपूत और विश्व के सबसे बड़े परिवार सहारा इंडिया परिवार के जनक एवं विराट व्यक्तित्व के धनी व्यवसायी, दार्शनिक, लेखक व उन सबसे ऊपर उठकर परिवार के मुख्य अभिभावक पूज्यनीय सहाराश्री के 76 वें जन्मदिन को प्रेरणा दिवस के रूप में मना रहे हैं।

इस दौरान भोपाल में प्रेरणा दिवस के असवार पर सहारा परिवार के सभी कार्यकर्ताओं ने उनके छाया चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

सहारा परिवार के मुख्य अभिवावक पूज्यनीय सहाराश्री सुब्रत राय जी के जीवन दर्शन पर इस दौरान मंडल भोपाल के कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने विचार भी रखे।

इस मौके पर मंडल भोपाल के ज़ोनल मैनेजर डी सी राय ने मुख्यालय से आये संदेश को पढ़ा और सहाराश्री के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही अपने अभिभावक के आदर्शों व उनके मार्ग दर्शन पर आगे बढ़ने का संकल्प को दोहराया।



कार्यक्रम के बाद सहारा मंडल भोपाल के सभी कार्यकर्ताओं ने जरूरतमन्दों और गरीबों के लिए स्मृतिभोज का भी आयोजन किया। हबीबगंज नाका स्थित गणेश मंदिर में आयोजित भोज में सैंकड़ो लोगों ने भोजन प्रसादी पाकर सहारा इंडिया परिवार के मुख्य अभिभावक पूज्यनीय सहाराश्री को याद किया।

बता दें कि सहारा इंड‍िया परिवार के प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा का मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण 14 नवंबर 2023 की रात को निधन हो गया था।

सहाराश्री जी की व्यावसायिक सफर की शुरुआत

10 जून 1948 को बिहार के अररिया जिले में जन्मे सहाराश्री ने अपने व्यावसायिक सफर की शुरुआत 1978 में गोरखपुर से मात्र दो हजार रुपए की पूंजी और तीन सदस्यों के साथ की और सहारा इंडिया परिवार की नींव डाली, जो आज विशालतम परिवार बन गया है। उनकी दूरदर्शिता, नेतृत्व क्षमता और व्यावसायिक दृष्टि, सामूहिक भौतिकवाद के संकल्प के साथ शुरू हुए व्यावसायिक सफर ने थोड़े समय में ही विशाल रूप ले लिया। उन्होंने संस्था को हमेशा एक परिवार ही माना और उसे सर्वोपरि रखा। बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी सहाराश्री में देशप्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी थी।

छात्र जीवन में एनसीसी के कैडेट रहे सहाराश्री ने अनुशासन का ताउम्र कड़ाई से पालन किया चाहे वह निजी जीवन हो या सार्वजनिक जीवन। सामाजिक दायित्व के प्रति सदैव सजग रहने वाले सहाराश्री ने हमेशा आगे बढ़कर कार्य किए। वह चाहे करगिल में शहीद हुए सैनिकों के परिवार का हो, भुज में भूकंप से मची तबाही की कठिन परिस्थिति रही हो। संवेदनाओं की प्रतिमूर्ति सहाराश्री एक उच्चकोटि के विचारक भी थे। उन्होंने जीवन क्षेत्र, कार्यक्षेत्र व सामाजिक क्षेत्र के लिए कई सिद्धांतों का अपने लेखन के जरिए प्रतिपादन किया।
 

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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