मजदूरों की घर वापसी से कोरोना बढ़ने का खतरा, गांवों में बनाए जा रहे क्वारंटाइन सेंटर
कोरोना संक्रमण को रोकने के मकसद से कई इलाकों में किए गए लॉकडाउन के कारण मजदूर बड़ी संख्या में घरों को वापस लौट रहे हैं।
मजदूरों की घर वापसी से कोरोना बढ़ने का खतरा, गांवों में बनाए जा रहे क्वारंटाइन सेंटर |
भारी संख्या में घरों को लौटते मजदूरों के कारण ग्रामीण इलाकों में कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। यही कारण है कि ग्रामीण इलाकों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं। बीते कुछ दिनों में मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में मजदूरों की घरों को वापसी हुई है, खासकर बुंदेखलंड के मजदूर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि इलाकों से लौट रहे हैं, क्योंकि इन राज्यों में कोरोना बढ़ने के कारण लॉकडाउन किया गया है और काम बंद कर दिए गए हैं। विभिन्न स्थानों से बस, ट्रेन आदि से बड़ी संख्या में मजदूरों की घर वापसी हो रही है।
बताया गया है कि ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने का खतरा बना हुआ है। यही कारण है कि राज्य में शहरों के बाहर अब तक 19,519 क्वारंटाइन सेंटर बनाए जा चुके हैं। इनमें दो लाख 30 हजार से ज्यादा बेड उपलब्ध हैं। यहां बाहर से आने वाले यात्रियों के अलावा गांवों में सर्दी, खांसी, बुखार वाले मरीजों को आइसोलेट भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के कारण बनी परिस्थितियों में मजदूर भाई-बहनों को काम देने की पूरी व्यवस्था की गई है। काम की तलाश में उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है। मनरेगा के अंतर्गत संचालित विभिन्न कार्यों में लगभग 21 लाख मजदूर नियोजित हैं। इन मजदूरों की हरसंभव सहायता की जाएगी। तीन महीने का निशुल्क राशन भी उनको दिया जा रहा है। श्रमिकों को मध्यप्रदेश से बाहर जाने की कोई जरूरत नहीं है।
चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में जो मजदूर भाई-बहन आएंगे, उनका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। चाय, नाश्ता, भोजन से लेकर जरूरत पड़ने पर काम देने तक सारी व्यवस्था करने का प्रयास होगा। यह कोशिश होगी कि मजदूर भाई-बहनों को कोरोना संकट के समय कोई परेशानी न हो।
भोपाल के जिलाधिकारी अविनाष लवानिया ने जिले से ग्रामों में आने वाले व्यक्तियों को शासकीय भवन, स्कूलों, पंचायत भवन में संस्थागत क्वारंटाइन करने के निर्देश दिये।
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