झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह के बीच पिछले कुछ दिनों से जुबानी जंग का सिलसिला चल पड़ा है। दोनों एक-दूसरे को न सिर्फ मानसिक तौर पर असंतुलित बता रहे हैं, बल्कि चुनौती भी दे रहे हैं।

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सोमवार को भी विधानसभा परिसर में दोनों ने मीडिया से बात करते हुए एक-दूसरे को जुबान पर लगाम लगाने की नसीहत दी। मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि भाजपा विधायक सीपी सिंह गाली वाली भाषा पर उतर आए हैं। वह लगातार मेरे खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं, जो ठीक नहीं है।
अंसारी ने कहा, “आज सदन में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सीपी सिंह ने हमारे डीजीपी को बेशर्म कहा। आप कानून-व्यवस्था पर बोल सकते हैं, लेकिन डीजीपी को बेशर्म कैसे कह सकते हैं। वह एक अच्छे अफसर और इंसान हैं।”
इरफान अंसारी ने सीपी सिंह को चेतावनी देते हुए कहा कि संभल जाइए, यह भाजपा की सरकार नहीं है, यह हमारी सरकार है। सम्मान कीजिए, सम्मान मिलेगा, कभी हमें गाली देते हैं, आज डीजीपी को गाली दी। उन्हें डीजीपी से माफी मांगनी चाहिए।
मंत्री ने कहा कि मैं मुस्लिम हूं, दलित हूं, लेकिन मेरा भी सम्मान है। मैं सम्मान के साथ कभी समझौता नहीं कर सकता। उन्होंने सीपी सिंह को अपनी भाषा पर लगाम लगाने की भी नसीहत दी।
दूसरी तरफ, रांची के भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को अपनी जुबान पर लगाम लगाना चाहिए। वह दूसरों को जो नसीहत दे रहे हैं, यह ठीक नहीं है। सीपी सिंह ने कहा कि सदन में कही गई बात पर मैं अडिग हूं। जिसको जो करना है, वो करे।
कानून-व्यवस्था की स्थिति की चर्चा करते हुए भाजपा विधायक ने कहा कि हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम की हत्या हो गई, रांची में व्यवसायी पर गोली चली। रोज घटनाएं घट रही हैं और डीजीपी कह रहे हैं कि जेल में बंद अपराधी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। मैंने यही मामला सदन में उठाया और अपनी बात पर अडिग हूं।
सीपी सिंह ने मंत्री इरफान अंसारी को गाली देने की बात से इनकार करते हुए उनके मानसिक उपचार की जरूरत बताई। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इरफान अंसारी पर कांके (मानसिक आरोग्यशाला के लिए चर्चित जगह) का कुछ असर है। उन्हें इलाज की जरूरत है। वो मेरे मित्र के बेटे हैं, इसलिए वो मेरे भतीजे जैसे हैं। ऐसे में मैं चाहूंगा कि वो स्वस्थ रहें और उनका उपचार कराया जाए।”
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