झारखंड के सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट में डायरेक्टर के तौर पर पोस्टेड आईएएस छवि रंजन सहित राज्य प्रशासनिक सेवा के कई अफसरों और जमीन कारोबारियों के कुल 22 ठिकानों पर ईडी की टीमें गुरुवार सुबह से छापेमारी कर रही हैं।
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झारखंड में रांची, जमशेदपुर, सिमडेगा और हजारीबाग के अलावा बंगाल में कोलकाता और बिहार के गोपालगंज में स्थित ठिकानों पर ईडी की टीमों ने सुबह-सुबह एक साथ दबिश दी। सूत्रों ने बताया कि रांची में स्थित सेना की साढ़े चार एकड़ से ज्यादा जमीन की नाजायज तरीके से खरीद-बिक्री और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में यह कार्रवाई चल रही है।
छवि रंजन कुछ महीनों पहले तक रांची के उपायुक्त के तौर पर पदस्थापित थे। रांची के बरियातू इलाके में सेना की जमीन की खरीद-बिक्री में फजीर्वाड़े का मामला उनके कार्यकाल के दौरान ही सामने आया था। ईडी ने इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था। अब इस मामले में छवि रंजन और उनकी पत्नी लवली के ठिकानों पर भी छापेमारी चल रही है।
इसके बाद पिछले साल नवंबर में कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल, रांची में न्यूक्लियस मॉल के मालिक व्यवसायी विष्णु अग्रवाल, खरीद-बिक्री में शामिल प्रदीप बागची और दिलीप घोष नामक व्यक्तियों और भूमि निबंधन करने वाले अफसरों से जुड़े दो दर्जन से अधिक ठिकानों पर ईडी की टीमों ने छापेमारी की थी।
छवि रंजन पर रांची में जमीन की खरीद-बिक्री के मामलों में गड़बड़ी, कोडरमा में उपायुक्त के तौर पर पदस्थापना के दौरान सरकारी आवास के पेड़ों को कटवाकर बेच डालने सहित कई मामलों में आरोप लगता रहा है। उनके खिलाफ वरीय पदाधिकारियों ने सरकार को जांच रिपोर्ट भी सौंपी थी।
छवि रंजन झारखंड के दूसरे आईएएस हैं, जिनके खिलाफ हाल में ईडी ने छापामारी की है। इसके पहले पिछले साल मई में झारखंड की सीनियर आईएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। बाद में उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में वह अभी जेल में हैं।
इनके अलावा अलग-अलग मामलों में झारखंड के जिन आईएएस-आईपीएस अफसरों पर पिछले एक साल में ईडी की जांच या उनसे पूछताछ हुई है, उनमें साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव और सीएम हेमंत सोरेन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे राजीव अरुण एक्का शामिल हैं।
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