रसोईए के नंबर से कॉल कर अवैध वसूली करती थीं आईएएस पूजा सिंघल
ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में पिछले 11 मई से जेल में बंद झारखंड की सीनियर आईएएस पूजा सिंघल की करप्ट प्रैक्टिस को लेकर कोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। कोर्ट में ईडी की ओर से बताया गया है कि पूजा सिंघल कमीशन वसूली और लेन-देन से जुड़ी बात करने के लिए अपने कुक के मोबाइल नंबर से एप्पल के फेसटाइम ऐप के जरिए कॉल किया करती थीं।
झारखंड की सीनियर आईएएस पूजा सिंघल |
कुक का नाम अमित कुमार बताया गया है। तकनीकी तौर पर फेसटाइम ऐप के जरिए किये जाने वाले कॉल को ट्रेस और ट्रैक करना बेहद कठिन होता है। ईडी ने यह दावा सीए सुमन कुमार सिंह से पूछताछ के आधार पर किया है। हालांकि पूजा सिंघल की ओर से इन आरोपों से इनकार किया गया है। उनकी ओर से दायर बेल पिटिशन में कहा गया है कि उन्हें गलत आरोपों में षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है।
ईडी की चार्जशीट के मुताबिक सीए सुमन कुमार सिंह ने माना है कि उसके आवास से 17.79 करोड़ की जो रकम बरामद की गई थी, उसमें ज्यादातर रकम पूजा सिंघल की है। उसने ईडी को यह भी बताया है कि वह पूजा सिंघल को 2012 से जानता है और उनके द्वारा अवैध रूप से वसूली जाने वाली राशि उसके पास पहुंचती थी। गौरतलब है कि बीते 6-7 मई को ईडी ने पूजा सिंघल के आवास, सीए सुमन कुमार सिंह के दफ्तर एवं आवास के साथ दो दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस मामले में पूछताछ के बाद ईडी ने 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद ईडी ने उन्हें रिमांड पर लेकर कई दिनों तक पूछताछ की थी। ईडे के मुताबिक पूजा सिंघल ने आश्चर्यजनक रूप से अपने नाम पर दो पैन कार्ड इश्यू करा रखे थे।
पूजा सिंघल झारखंड सरकार में खान एवं उद्योग विभाग के सचिव के तौर पर तैनात थीं। इसके पहले वह कई अहम पदों पर रही हैं। खूंटी और चतरा में डीसी के कार्यकाल के दौरान उन पर कई योजनाओं में घोटाले का आरोप लगा है। ईडी ने बताया है कि खूंटी के साथ-साथ चतरा में पूजा सिंघल जब बतौर डीसी पोस्टेड थीं, तब मनरेगा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं। ईडी ने पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा के जो बैंक स्टेटमेंट खंगाले हैं, उसके मुताबिक उपायुक्त की रूप में पदस्थापना के दौरान उन्हें जितनी सैलरी मिली, उसकी तुलना में उनके खाते में 1 करोड़ 43 लाख रुपये ज्यादा जमा हुए।
अदालत को ईडी की ओर से दिये गये ब्योरे में पूजा सिंघल की रिश्वतखोरी से जुड़े प्रकरण के बारे में भी बताया गया है। इसके मुताबिक खूंटी में मनरेगा घोटाले के एक आरोपी अफसर ने ईडी को जानकारी दी है कि पूजा सिंघल जब खूंटी में डीसी थीं, तब जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा कई बार उन्हें सीधे रिश्वत की रकम पहुंचाता था, तो कई बार वह उनके अधीनस्थ अफसर को बंद बैग में रुपयों की गड्डी सौंपता था। अफसर रुपये भरे बैग को पूजा सिंघल के पास पहुंचा देते थे। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने उस अफसर को भी अभियुक्त बनाया है। अफसर के बयान के अनुसार, उसने चार बार देखा कि जेई राम विनोद सिन्हा ने पूजा मैडम को पांच-पांच सौ रुपये के नोटों वाली 18-20 गड्डियां सीधे बतौर रिश्वत दी। यह राशि मनरेगा की योजनाओं में की जाने वाली गड़बड़ियों के एवज में दी जाती थी।
ईडी ने दावा किया है कि पूजा सिंघल ने आय से अधिक संपत्ति का इस्तेमाल अपने पति रांची स्थित पल्स अस्पताल में किया है। एजेंसी ने पल्स संजीवनी के बैंक खातों की भी जांच की इसमें पाया है कि 2012-13 और 2019-20 के बीच कंपनी ने कुल 69.17 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाया, जबकि बैंक खातों में कुल क्रेडिट 163.59 करोड़ रुपये थे।
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