ईडी का दावा, हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र में अवैध खनन को नियंत्रित करता है पंकज मिश्रा

Last Updated 21 Sep 2022 05:12:24 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दावा किया कि धन शोधन से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार पंकज मिश्रा को ‘राजनीतिक संरक्षण’ प्राप्त है, क्योंकि वह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का राजनीतिक प्रतिनिधि है और उनके विधानसभा क्षेत्र में संचालित कथित अवैध खनन गतिविधियों को अपने सहयोगियों के जरिये ‘नियंत्रित’ करता है।


ईडी ने रांची की विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत में मिश्रा और उसके दो सहयोगियों-बच्चू यादव व प्रेम प्रकाश के खिलाफ 16 सितंबर को एक आरोप पत्र दाखिल किया था।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान जारी कर बताया कि विशेष अदालत ने 20 सितंबर को आरोप पत्र और अभियोजन पक्ष की शिकायत का संज्ञान लिया।

 केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान जारी कर बताया कि विशेष अदालत ने 20 सितंबर को आरोप पत्र और अभियोजन पक्ष की शिकायत का संज्ञान लिया।

सोरेन झारखंड के साहिबगंज जिले की बरहैट विधानसभा सीट से विधायक हैं।

ईडी ने बयान में आरोप लगाया, “पीएमएलए जांच से खुलासा हुआ है कि पंकज मिश्रा, जिसे मुख्यमंत्री और बरहैट के विधायक का प्रतिनिधि होने के नाते राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, अपने सहयोगियों के माध्यम से साहिबगंज और उसके आसपास के क्षेत्रों में अवैध खनन कारोबार और क्षेत्रीय नौका परिवहन सेवाओं को नियंत्रित करता है।”

जांच एजेंसी ने कहा, “वह (मिश्रा) साहिबगंज में विभिन्न खनन स्थलों पर स्टोन चिप्स और बोल्डर के खनन के साथ-साथ विभिन्न क्रशर के संचालन से जुड़े मामलों में अच्छा-खासा नियंत्रण रखता है।”

बयान के मुताबिक, पंकज मिश्रा द्वारा अवैध गतिविधियों से ‘अर्जित’ लगभग 42 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति की पहचान की गई है।

ईडी द्वारा गिरफ्तार पंकज मिश्रा, बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

जांच एजेंसी ने कहा कि उसने राज्य में अब तक अवैध खनन से अर्जित लगभग एक हजार करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों की ‘पहचान’ की है।

ईडी के मुताबिक, धन शोधन से जुड़े इस मामले के सिलसिले में 47 तलाशी अभियान चलाए गए, जिनमें 5.34 रुपये की नकदी, 13.32 करोड़ रुपये बैंक जमा राशि, 30 करोड़ रुपये मूल्य की नाव, पांच स्टोन क्रशर और दो ट्रक जब्त किए गए हैं।

जांच एजेंसी के अनुसार, छापेमारी में दो एके-47 राइफल भी बरामद हुए हैं, जिन्हें बाद में झारखंड पुलिस ने अपना बताया था।

ईडी की जांच तब शुरू हुई थी, जब एजेंसी ने अवैध खनन और जबरन वसूली के कथित मामलों को लेकर आठ जुलाई को झारखंड के साहिबगंज, बरहैट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहरवा इलाके में मिश्रा और उसके कथित सहयोगियों के 19 ठिकानों पर छापेमारी की थी।

ईडी ने मार्च में मिश्रा और अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज करने के बाद छापेमारी शुरू की थी। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया गया था कि मिश्रा ने ‘अवैध रूप से बड़े पैमाने पर संपत्ति हड़पी या अर्जित की है।’

ईडी ने साहिबगंज जिले के बरहरवा पुलिस थाने में मिश्रा के खिलाफ दर्ज राज्य पुलिस की प्राथमिकी और शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आदि की विभिन्न धाराओं के तहत अवैध खनन व्यापार मामलों में दायर कुछ अन्य पुलिस शिकायतों का संज्ञान लिया था।

भाषा
नई दिल्ली


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