Jharkhand: बीजेपी की निलंबित नेता सीमा पात्रा गिरफ्तार, नौकरानी को बंधक बनाने और टॉर्चर का आरोप
घरेलू मेड का थर्ड डिग्री टॉर्चर करने के मामले में झारखंड के रिटायर्ड आईएएस की पत्नी और भाजपा नेता सीमा पात्रा को पुलिस ने आखिरकार बुधवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया।
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झारखंड पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित नेता सीमा पात्रा को आदिवासी घरेलू सहायिका सुनीता (29) को प्रताड़ित करने के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। पात्रा, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी की पत्नी हैं।
पुलिस पिछले दो दिनों से उनके मोबाइल लोकेशन के आधार पर ट्रेस कर रही थी। हटिया के डीएसपी राजा मित्रा के नेतृत्व में महिला पुलिसकर्मियों की टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया।
सुनीता का एक वीडियो सोशल मीडिया मंचों पर प्रसारित हो गया था, जिसमें वह आपबीती सुना रही थी। इस वीडियो को लेकर विवाद खड़ा होने के भाजपा ने पात्रा को निलंबित कर दिया
था।
सूत्रों ने बताया कि एक सरकारी कर्मचारी से मिली सूचना पर कार्रवाई करते हुए रांची पुलिस ने पिछले हफ्ते महिला को पात्रा के आवास से छुड़ाया था और मंगलवार को एक मजिस्ट्रेट के समक्ष घरेलू सहायिका का बयान दर्ज किया था।
मंगलवार को पुलिस ने सीमा पात्रा की कैद से आजाद कराई गई सुनीता का कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया है। उसने अपने बयान में खुद पर हुए जुल्म की पूरी कहानी कोर्ट के समक्ष बतायी है।
सुनीता का अभी रांची रिम्स में इलाज चल रहा है। सुनीता के अनुसार, उसे गरम तवे से जगह-जगह दागा गया है। लोहे के रॉड से उसके आगे के तीन-चार दांत तोड़ दिये गये गये। उसका खाना-पानी तक बंद कर दिया गया था। झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग के एक अफसर की सूचना पर रांची पुलिस ने उसे 22 अगस्त को सीमा पात्रा के रांची के अशोकनगर स्थित आवास से मुक्त कराया था।
पात्रा ने कथित तौर पर महिला को रांची के अशोक नगर इलाके में अपने आवास में कई वर्षों तक बंदी बनाकर रखा था।
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने भी मंगलवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नीरज सिन्हा से पूछा था कि पात्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
सुनीता गुमला के एक गांव की रहनेवाली है। करीब दस साल पहले वह रिटायर्ड आईएएस महेश्वर पात्रा और भाजपा नेत्री सीमा पात्रा के घर मेड के तौर पर काम करने के लिए लाई गई
थी। बाद में वह दिल्ली में रहनेवाली उनकी पुत्री वत्सला पात्रा के साथ भेज दी गई। दिल्ली से उनके तबादले के बाद सुनीता वापस रांची सीमा पात्रा के घर आई। यहां काम करते हुए उसे हमेशा प्रताड़ित किया जाता रहा। उसने घर जाने की इजाजत मांगी तो पिटाई करते हुए उसे कमरे में बंद कर दिया गया। बात-बात पर पिटाई आम हो गई। दर्जनों बार उसे गरम तवे से दागा गया। जिस कमरे में सुनीता को बंद किया गया, वही उसका बेडरूम और बाथरूम था। लगातार पिटाई से वह इस तरह अशक्त हो गयी थी कि फर्श पर घिसट-घिसट कर चलती थी। अगर गलती से सुनीता का पेशाब कमरे से बाहर चला जाता तो उसे अपने मुंह से उसे चाट कर साफ करना पड़ता था। घिसट-घिसट कर किसी तरह उसे यह भी करने को मजबूर किया गया।
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