छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में शुक्रवार को कुएं में कथित तौर पर जहरीली गैस के रिसाव के कारण पिता और दो पुत्रों समेत पांच लोगों की मौत हो गई है। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
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अधिकारियों ने बताया कि घटना जिले के बिर्रा थाना क्षेत्र के अंतर्गत किकिरदा गांव की है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
अधिकारियों ने बताया कि किकिरदा गांव में रामचंद्र जायसवाल (60) के यहां एक पुराना कुआं है जो कि काफी समय से उपयोग में नहीं था, ऐसे में ग्रामीण ने पुरानी लकड़ियों का छप्पर बनाकर उसे ढक दिया था।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में बारिश और तेज हवा के कारण छप्पर कुएं के भीतर गिर गया जिसे निकालने जायसवाल कुएं के भीतर गया। अधिकारियों ने बताया कि जब वह काफी देर तक वापस नहीं आया तो परिजनों ने पटेल और चंद्रा परिवार से मदद मांगी।
अधिकारियों ने बताया कि जायसवाल को निकालने के लिए रमेश पटेल (50), उनके बेटे जितेंद्र पटेल (25), एक अन्य बेटे राजेंद्र पटेल (20) और पड़ोसी टिकेश्वर चंद्रा (25) कुएं में उतर गये लेकिन वे भी बाहर नहीं निकल सके।
उन्होंने बताया कि परिवार के सदस्यों और अन्य ग्रामीणों से सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस दल को मौके पर भेजा गया।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को भी घटनास्थल पर भेजा गया है और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ के दल ने शवों को कुएं से निकाल लिया है और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि आशंका है कि कुएं में जहरीली गैस के रिसाव के कारण उन सभी की मौत हुई। जांच के बाद ही इस संबंध में अधिक जानकारी मिल सकेगी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हादसे पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
साय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ''जांजगीर के ग्राम किकिरदा में कुएं की जहरीली गैस की चपेट में आने से पांच लोगों की दुःखद मौत की सूचना मिली। मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा करता हूं। हमारी सरकार पीड़ित परिजनों के हर संभव मदद के लिए तत्पर है। मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।’’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिस पुराने कुएं में यह घटना हुई है, वह करीब चार माह से उपयोग में नहीं था क्योंकि जायसवाल ने अपने घर में बोरवेल करा लिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि चूंकि कुआं लंबे समय से इस्तेमाल में नहीं था और ढका हुआ भी था, इसलिए उसके भीतर जहरीली गैस का रिसाव होने लगा।’’
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