अपने ही समुदाय के बच्चों संग खिलवाड़ कर रहे हैं मुस्लिम नेता : दिलीप जायसवाल

Last Updated 19 Feb 2025 12:31:07 PM IST

यूपी विधानसभा में पहले दिन उर्दू को लेकर हुई जोरदार बहस को बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने गैर जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि यह रवैया समाज के एक हिस्से को पीछे धकेलने के लिए अपनाया गया है।


दिलीप जायसवाल

दिलीप जायसवाल ने बुधवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि बहुत सारे मुसलमान नेता गरीब मुसलमानों के बच्चों को उर्दू स्कूलों और मदरसों में पढ़ाते हैं, जबकि अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में भेजकर उन्हें देश का श्रेष्ठ नागरिक बनाने का प्रयास करते हैं। ये लोग गरीब मुसलमानों के बच्चों को मदरसों में भेजकर उनका शोषण करते हैं।

जायसवाल ने कहा कि गरीब मुसलमानों के बच्चों को भी हक है कि वह उच्च न्यायालय के जज बनें, बड़े अधिकारी बनें और उन्हें अंग्रेजी, नया सिलेबस, और तकनीकी ज्ञान लेने का अधिकार है। मदरसों के माध्यम से गरीब मुसलमानों के बच्चों को उचित शिक्षा से वंचित रखने की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने इसे उनके शोषण का एक रूप बताया। उन्होंने दावा किया कि इन नेताओं का यह रवैया समाज के एक हिस्से को पीछे धकेलने का काम कर रहा है।

इसके बाद, दिलीप जायसवाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा महाकुंभ पर दिए गए बयान पर भी टिप्पणी की। ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और अन्य नेताओं पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए जायसवाल ने कहा कि ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और अन्य नेता इस देश में तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। ये लोग एक धर्म विशेष के लोगों को खुश करने के लिए नास्तिक बन गए हैं। इनके द्वारा धर्म आस्थाओं पर की गई चोटें पाप की तरह हैं।

उन्होंने आगे कहा कि ममता बनर्जी और अखिलेश यादव जैसे नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि 45 करोड़ से ज्यादा सनातनी महाकुंभ में अपनी आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। यह लोग धार्मिक आस्थाओं पर चोट पहुंचाकर अपनी राजनीतिक दुकानदारी चलाना चाहते हैं। धार्मिक आस्थाओं को चोट पहुंचाने वाले लोगों को भगवान कभी माफ नहीं करेगा।

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए महाकुंभ को "मृत्यु कुंभ" की संज्ञा दी थी, जिसको लेकर बवाल देखने को मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस धार्मिक आयोजन में वीवीआईपी को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, जबकि गरीब और सामान्य श्रद्धालु इन सुविधाओं से वंचित हैं।

आईएएनएस
पटना


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