संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा बुलाए गए भारत बंद में सोमवार को बिहार में कई स्थानों पर यातायात बाधित रहा क्योंकि विपक्षी दलों ने सक्रिय रूप से अपना समर्थन दिया।
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दरभंगा में प्रदर्शनकारियों ने रेल यातायात भी रोक दिया। किसानों के राष्ट्रव्यापी विरोध के आह्वान को राज्य में विपक्षी दलों का समर्थन मिला है। कई विपक्षी नेता और उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए और बंद को सफल बनाने के लिए यातायात की आवाजाही को बाधित कर दिया।
विपक्षी नेताओं ने इस बंद में जाति आधारित जनगणना, बेरोजगारी, घोटाले, पेट्रोलियम उत्पादों और वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि जैसे मुद्दों को भी जोड़ा।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दलों के समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतर आए। पटना, दरभंगा, अरवल, आरा, औरंगाबाद, जहानाबाद, वैशाली, मुजफ्फरपुर और कुछ अन्य जिलों में विरोध प्रदर्शन हुए।
पटना और हाजीपुर को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु के दोनों सिरों पर राजद समर्थकों ने टायर जलाए। इस कारण ट्रक, बस और अन्य वाहन दोनों तरफ फंस गए जिससे भारी ट्रैफिक जाम हो गया।
दरभंगा में राजद और कांग्रेस समर्थकों ने नई दिल्ली-जयनगर बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया।
नवादा में भारतीय किसान संघर्ष समिति के समर्थकों ने पटना-रांची मुख्य मार्ग को जाम कर यातायात बाधित कर दिया।
आरा में सीपीआई-एमएल के समर्थकों ने आरा बस स्टैंड पर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 को जाम कर दिया। इससे व्यस्त पटना-आरा मुख्य मार्ग पर यातायात की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है।
गया में भी भारत बंद के मद्देनजर, गया-बोधगया-डोभी और डोभी-चतरा मुख्य सड़कों पर यातायात की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई और नई दिल्ली और कोलकाता को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 19 को आंशिक रूप से प्रभावित किया।
शेखपुरा में महागठबंधन के समर्थक जबरन दुकानें बंद कराने में शामिल थे।
आरा में सड़कों पर उतरे विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि महंगाई आसमान पर है, जो तीन कृषि कानूनों का असर है। उन्होंने कहा कि अगर किसान कानूनों से खेती उद्योगपतियों के हाथ में चली गई तो खाद्य असुरक्षा पैदा होगी। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
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