बिहार: स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने भी मानी कोरोना जांच में गड़बड़ी की बात, जांच करेंगी 10 टीमें
बिहार में कोरोना जांच के नाम पर गड़बड़ी सामने आने के बाद राज्य की सियासत गर्म है।
सांकेतिक फोटो |
इस मामले को लेकर शुक्रवार को जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सरकार की बात रखी थी, वहीं शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्रकारों के सामने आकर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने माना की कोरोना जांच में कुछ इलाकों में गड़बड़ी पाई गई हैं, जिसके बाद वहां के अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई अधिकारियों को निलंबित किया गया है। कई सिविल सर्जन और चिकित्सीय पदाधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि जमुई और शेखपुरा के जिलाधिकारी को जांच के लिए कहा गया है, साथ ही 10 टीम स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिलों में भेजी गई हैं। उन्होंने कहा कि 26 जिलों के जिलाधिकारी को प्रखंड स्तर पर जांच का निर्देश दिया गया है। जांच टीम को फोन नंबर और आवासीय स्थल का पता लगाने का निर्देश दिया गया है।
जमुई जिले के बरहट और सिकंदरा में जांच में गड़बड़ी पाई गई, वहां संबंधित पदाधिकारियों पर कार्रवाई हुई। शेखपुरा में जांच के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान कोरोना जांच कराए गए व्यक्ति मिल रहे हैं, लेकिन उनका मोबाइल नंबर किसी और का है।
उन्होंने कहा कि अररिया जिले के फारबिसगंज और अररिया में भी ऐसी बातें सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर स्वास्थ्यकर्मियों के ही मोबाइल नंबर मिले।
उल्लेखनीय है कि कोरोना जांच में गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद सरकार ने जमुई जिले के सिविल सर्जन सहित कई अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। कई स्वास्थ्यकर्मियों पर भी गाज गिरी है।
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