बिहार के जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवा प्रभावित

Last Updated 23 Dec 2020 01:31:20 PM IST

स्टाइपेंड की राशि बढ़ोतरी की मांग को लेकर बुधवार की सुबह से बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के कारण राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है।


पटना चिकित्सा महाविद्यालय (पीएमसीएच) के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र कुमार ने यहां बताया कि वर्ष 2017 में ही राज्य सरकार ने हड़ताल के बाद भरोसा दिया था कि प्रत्येक तीन वर्ष पर स्टाइपेंड की राशि में बढ़ोतरी की जाएगी लेकिन वर्ष 2020 समाप्त होने को है और अब तक स्टाइपेंड की राशि नहीं बढ़ाई गई है।

उन्होंने बताया कि सरकार के इस रुख के विरोध में पीएमसीएच, नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (एनएमसीएच) समेत राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालय के जूनियर डॉक्टर बुधवार सुबह सात बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

उन्होंने कहा कि इसको लेकर कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की गई लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। आखिरकार हम लोगों को हड़ताल पर जाना पड़ा।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य के पीएमसीएच, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) सहित सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर और इंटर्न इस हड़ताल में शामिल हैं।

हड़ताल की जानकारी डॉक्टरों ने अस्पताल के प्राचार्य के साथ स्वास्थ्य विभाग को भी पत्र लिखकर दे दी है। जेडीए की हड़ताल को रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन दिया है और मांगों को जायज बताया है। जूनियर डॉक्टर ने चेतावनी दी है कि जब तक स्टाइपेंड की राशि बढ़ाए जाने को लेकर सरकार की ओर से लिखित आासन नहीं मिल जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से अस्पतालों में सुबह से ही ओपीडी और आपातकालीन सेवाएं ठप हो गई है। हालांकि कोविड ड्यूटी जारी है। हड़ताल की वजह से मरीजों की मुश्किलें काफी बढ़ गई है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने भरोसा दिया है कि सीनियर डॉक्टर ओपीडी चलाएंगे लेकिन मरीजों के लिए इलाज करवाना फिर भी आसान नहीं होगा।

 

 

 



 

आईएएनएस/ वार्ता
पटना


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