बिहार में इस साल के अंत में होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के महगठबंधन में जहां हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) समन्वय समिति नहीं बनने से नाराज है, वहीं कांग्रेस भी अब अपनी अलग (एकला चलो) रणनीति बनाने में जुट गई है।
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कांग्रेस के नेता हालांकि खुलकर इसे स्वीकार तो नहीं करते हैं, लेकिन यहां के नेताओं की पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हुई वर्चुअल बैठक के बाद बिहार में कांग्रेस सक्रिय हो गई है। वह अब अपने दम पर चुनाव की रणनीति बनाने की ओर बढ़ने लगी है।
पार्टी के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने बुधवार को यहां चुनाव अभियान समिति के सदस्यों के साथ बैठक कर इस रणनीति पर मुहर भी लगा दी है। इसके अलावा बुधवार की रात गोहिल, अभियान समिति के चेयरमैन और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह समेत कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं, राजद नेता तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मुलाकात की थी।
कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि पार्टी को उम्मीद थी कि जुलाई के पहले पखवारे में महागठबंधन की संयुक्त बैठक में चुनावी मुद्दों पर चर्चा होगी। हालांकि, अब तक प्रमुख सहयोगी दल राजद की ओर से न तो कांग्रेस को बैठक के संबंध में कोई इशारा किया गया है न ही निकट भविष्य में बैठक की कोई आधिकारिक जानकारी दी गई है। राजद के इस रवैये से अधिकांश कांग्रेसी नाखुश हैं।
कांग्रेस के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि लोकसभा चुनाव में भी सीट बंटवारे में हुई देरी को लेकर जो स्थिति उत्पन्न हुई थी, अब कांग्रेस इस चुनाव में फिर से वैसी स्थिति नहीं चाहती है। कांग्रेस सहयोगियों के साथ बैठककर सभी मुद्दों पर सहमति बना लेना चाहती है।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में भी कांग्रेस के नेताओं में राजद को लेकर नाराजगी दिखी है। कांग्रेस के ज्यादातर सदस्यों ने चुनाव के वक्त राजद की ओर से सीट बंटवारे में धोखा देने का आरोप लगाया है।
इधर, कांग्रेस के नेता हालांकि सीधे ऐसी किसी बात को स्वीकार करने से परहेज कर रहे हैं।
चुनाव अभियान समिति के चेयरमैन अखिलेश सिंह कहते हैं कि सभी पार्टियां अपनी रणनीति बना रही है, कांग्रेस भी चुनावी रणनीति में बनाने में जुटी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि रणनीति बताने के लिए नहीं बनाई जा रही है, यह अंदरूनी बातें हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन एकजुट है और एक पखवाड्े में सब कुछ तय कर लिया जाएगा, इसमें कहीं कोई दुविधा नहीं होनी चाहिए।
इधर, चुनाव अभियान समिति के सदस्य और बिहार प्रदेश युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार कहते हैं, "कांग्रेस बिहार में सत्ताधारी पार्टी को हटाने के लिए संयुक्त रूप से चुनाव लड़ने के पक्ष में है। कांग्रेस में लोकतंत्र है और सभी लोग अपनी बातें रख रहे हैं। पूर्व अध्यक्ष राहल गांधी के साथ हुई बैठक में भी सभी लोगों ने अपनी बात रखी है।" उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के युवा आलाकमान के निर्देश के बाद वे तैयारी प्रारंभ कर चुके हैं।
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