ब्याज दरों में कटौती करे रिजर्व बैंक:एसोचै
Last Updated 19 Apr 2009 01:01:27 PM IST
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नयी दिल्ली। मुद्रास्फीति के शून्य के करीब पहुंचने के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ‘आरबीआई’ के लिये ब्याज दरों में कटौती को लेकर काफी गुंजाइश है। साथ ही आरबीआई को कपड़ा रत्न और आभूषण तथा रियलटी जैसे विशेषीकृत क्षेत्रों को और अधिक ऋण मुहैया कराने के लिये बैंकों को प्रेरित करना चाहिए।
उद्योग मंडल एसोचैम के एक सर्वे में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक को उक्त क्षेत्रों को गति प्रदान करने के लिये उन पर ध्यान देने की जरूरत है। वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण इन्हीं क्षेत्रों में सर्वाधिक लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी हैं।
हाल में किये गये सर्वे में भाग लेने वाले 77 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों में से बहुंसख्यक ने ब्याज दरों में कटौती के लिये रिजर्व बैंक की ओर से किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। उनका कहना है कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 0. 18 फीसदी पर पहुंच गयी है। ऐसे में रिजर्व बैंक के पास इस दिशा में और कदम उठाने की काफी गुंजाइश है।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई 21 अप्रैल को ऋण और मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा। मौद्रिक नीति की घोषणा ऐसे समय हो रही है जब औद्योगिक उत्पादन में गिरावट और निर्यात में कमी दर्ज की गयी है।
एसोचैम ने अपने सर्वे में कहा है कि निर्माण क्षेत्र को मजबूती प्रदान की जानी चाहिए। सर्वे के अनुसार आरबीआई के लिये रियल सेक्टर पर लगाये गये विनियमन पर गौर करने के लिये यह बेहतर समय है।
गौरतलब है कि बढ़ते जोखिम के मद्देनजर बैंक रियलटी क्षेत्र के उधारकर्ताओं से उच्च ब्याज दर लेने को बाध्य होते हैं।
उद्योग मंडल ने कहा कि आरबीआई को आर्थिक प्रणाली में मुद्रा के प्रवाह और ऋण वितरण में तेजी लाने के लिये नयी प्रणाली का विकास करना चाहिए।
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